JANNA JAROORI HAI: नशा नाश है इस नारे को आपने कई बार पढ़ा होगा और कई बार सुना होगा लेकिन, इस नाश से किसी को बचाने के लिए आपको इसकी जानकारी ही नहीं होती है। किसी के घर का कोई सदस्य खतरनाक नशा कर रहा होता है लेकिन घर वाले समझ ही नहीं पाते हैं कि उनके घर का सदस्य कौन सा नशा कर रहा है। आखिर कौन सी संगत और बुराई में फंसा है। आज इस खबर का खास उद्देश्य है जागरुकता ताकि आप नशे में अंतर समझकर किसी अपने को बचा सकें या फिर देश की युवा पीढ़ी को बचा सकें..
सभी नशीले पदार्थों ड्रग्स कहलाते हैं और इन सब में अंतर होता है। वहीं इन सभी ड्रग्स में नशे की मात्रा अलग होती है और हर ड्रग के सेवन करने का तरीका अलग-अलग होता है.इस खास खबर में आइए जानते हैं नशीले ड्रग्स पदार्थों में क्या अंतर होता है और ये किस तरह से अलग होते हैं…दरअसल, कई नशीले पदार्थ तो प्राकृतिक रुप से मिलते हैं जबकि कई नशों को तो तैयार किया जाता है. तो समझते हैं ये सभी नशे किस तरह से अलग होते हैं और इन्हें कैसे तैयार किया जाता है….
ये होता है गांजा JANNA JAROORI HAI
गांजा प्राकृतिक रूप से उगने वाले कैनेबिस पौधे के फूल से से तैयार किया जाता है । इसके बाद इसका सेवन सुखाकर और जलाकर धुएं के रूप में लिया जाता है। इसी पौधे से ही भांग भी बनाई जाती है.भारत में पहले गांजे का इस्तेमाल भी खुले तौर पर किया जा सकता था, लेकिन 1985 के बाद से इस पर रोक लगाई गई। सरकार ने 1985 में नारकोटिक ड्रग और साइकोट्रोपिक सब्सटांस (NDPS) एक्ट पास किया।
ये होता है भांग JANNA JAROORI HAI
कई पौधों की तरह गांजे के पौधे में दो नर या मादा के प्रकार होते हैं. इसमें नर प्रजाति से भांग बनती है और मादा प्रजाति से गांजा बनता है. वैसे भांग, जिस पौधे की पत्तियां होती हैं और बीजों को पीसकर बनाया जाता है. ऐसे में सीधे शब्दों में कहें तो गांजा फूल से और भांग पत्तियों से बनता है.
ये होता है चरस-हशीश और हैश JANNA JAROORI HAI
अगर चरस की बात करें तो यह कैनेबिस नाम के पौधे से ही बनती है जिससे कि गांजा और भांग बनते हैं। इस पौधे से रेजिन निकलता है जो कि इस पौधे का हिस्सा है, रेजिन पेड़-पौधों से निकलने वाला एक चिपचिपा मेटेरियल है. इसे ही चरस, हशीश और हैश कहा जाता है.
ये होता है अफीम JANNA JAROORI HAI
अफीम नाम की यह ड्रग अफीम नाम के पौधे पर लगने वाले फल से तैयार की जाती है। इसके फल से एक चीरा लगाया जाता है ताकि इसका दूध निकाला जा सके इसके बाद इसे सुखाया जाता है, जिससे अफीम प्राप्त होती है. अफीम में मार्फिन मिलती है, इससे अलग अलग नशे बनते हैं.
ये होता है हेरोइन JANNA JAROORI HAI
इस ड्रग को अफीम से ही बनाया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से नहीं मिलती इसे मानव द्वारा ही तैयार किया जाता है. हेरोइन में मार्फिन भी होता है, जो मेडिकल क्षेत्र में पेनकिलर दवा के रूप में काम में लिया जाता है. अफीम और एसिटिक मिलाकर हेरोइन को तैयार किया जाता है. इसे डाई एसिटिल भी कहा जाता है.
ये होता है ब्राउन शुगर JANNA JAROORI HAI
ब्राउन शुगर भी अफीम से बनती है. ये भी पाउडर फॉर्म में होता है और इसमें 20 फीसदी हेरोइन होती है. इसे भी अलग तरीके से बनाया ही जाता है.
ये होता है स्मैक JANNA JAROORI HAI
स्मैक अपने आप में कोई नैचुरल प्रोडक्ट नहीं है, इसे मशीन से तैयार किया जाता है. यह अफीम से तैयार की जाती है. अफीम से कई तरह के नशीले पदार्थ तैयार किए जाते हैं, जिसमें स्मैक भी शामिल है. स्मैक बनाने के लिए अफीम में दूसरे पदार्थों को भी शामिल किया जाता है, फिर अफीम बनती है।