नई दिल्ली। Ganesha Chaturthi 2022 आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है Ganesha Chaturthi 2022 vishesh yog तरह-तरह के पकवानों ganesh chaturthi puja muhurat से भगवान गणेश को भोग लगाया puja samagri जाएगा पर इसकी स्थापना के पहले आपको यह जानना जरूरी है किस का सही मुहूर्त क्या है साथी आज हम आपको यह भी बता रहे हैं कि गणेश जी की स्थापना करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना है तो चलिए जानते हैं पंडित राम को भी शास्त्र के अनुसार क्या है गणेश स्थापना के नियम। घरों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अगर आप भी घर में बप्पा की प्रतिमा लाना चाहते हैं तो ऐसे में आपके लिए भी यह जानना बेहद जरूरी है कि आपके लिए कौन से गणपति बप्पा शुभ होंगे। आपने देखा होगा बाजार में कई तरह की प्रतिमा मिल रही हैं।
दाई सूंड या बांई सूंड –
आपको बता दें भगवान की बनावट के अनुसार अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं उपलब्ध हैं। कहीं दांई ओ र तो कहीं ओर। कहीं गणपति चूहें पर विराजे हैं तो कहीं सिंहासन पर। पर सवाल ये है। कि ऐसे में आपको कौन सी प्रतिमा घर लाना है ताकि वे आपके लिए शुभ फल दें। तो चलिए जानते हैं।
इन बातों का रखें खास ख्याल (Keep These Things In Mind On Ganesh Sthapna)
1 — गणेश चतुर्थी पर गणपति को घर लाया जाता है। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि सफेद मदार की जड़ या फिर मिट्टी से बनी गणेश जी मूर्ति को ही पूजा के लिए शुभ माना जाता है। इसके अलावा सोना-चांदी, तांबे आदि से बनी प्रतिमा भी घर लाई जा सकती है। बस प्लास्टर ऑफ पेरिस या किसी अन्य मैटिरियल से बनी मूर्ति को पूजा में रखना अशुभ माना गया है। अत: कोशिश करें कि इस तरह की मूर्ति घर में न लाएं।
2. ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविन्द शास्त्री की माने तो श्रीगणेश महाराज (Ganesh Maharaj) की बैठी हुई प्रतिमा ज्यादा शुभदायी होती है। ऐसे में गणपति की मूर्ति (Ganpati Murti) खरीदते समय इस बात का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। इतना ही नहीं, ऐसी प्रतिमा वाले गणपति को किसी कार्य में आ रही रुकावटों को भी दूर करने वाला मानते हैं। हैं।
3. गणेश जी की बाईं ओर वाली सूंड को वाममुखी गणपति कहा जाता है। वाममुखी गणपति (Vaammukhi Ganpati) की मूर्ति घर पर लाना शुभ होता है। साथ ही इन्हें प्रसन्न करना भी आसान होता है। कहते हैं वाममुखी गणपति की पूजा आसान होती है। जबकि दाईं ओर सूंड वाले गणपति की पूजा के लिए विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है।
4. वैसे तो आजकल लोग फैशन के इस दौर में हर तरह की प्रतिमा भी घरों में लाने लगे हैं। लेकिन ऐसी मान्यता है कि गणपति की सफेद या सिंदूरी रंग (White or Sinduri Ganpati Colour Murti) की प्रतिमा लेना शुभ होता है। इस बार अगर बप्पा की मूर्ति घर में स्थापित करने की योजना बना रहे हैं तो कोशिश करें कि सफेद या सिंदूरी रंग की प्रतिमा ही हो।
5. ऑफिस के लिए गणपति लाते समय भी आपको विशेष ध्यान रखने की जरूरत हैं कार्यालय या दुकान के लिए खड़े हुए बप्पा ज्यादा शुभ माने जाते हैं। कहते हैं, ऐसी प्रतिमा का पूजन आपकी सफलता और तरक्की के द्वार खोल देता है।
6. नि:संतान दंपत्ति अगर संतान की प्राप्ति चाहते हैं तो उन्हें इस बार घर में गणपति के बाल रूप की स्थापना करना चाहिए। इससे गणपति उनकी प्रार्थना सुन सकते हैं।
7 – गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा को अपने घर पर लाने से पहले ये देख लें कि मूर्ति खंडित न बनी हो। ऐसा माना जाता है कि गणपति की मूर्ति में चूहा, एक दंत अंकुश, एक हाथ में मोदक प्रसाद और दूसरा हाथ वर मुद्रा में होना चाहिए।
8 – घर में पूजा करने के लिए बैठे हुए गणपति की उपासना अत्यंत ही शुभ मानी गई है, इसलिए अपने घर में हमेशा सिंहासन या किसी आसन पर बैठे हुए गणपति की मूर्ति खरीदें।
9 – सनातन परंपरा में बाईं और दायी तरफ सूंड़ वाली गणपति की मूर्ति का अपना एक अलग महत्व होता है। मान्यता है कि गणपति की बाईं तरफ सूंड़ लिए हुए मूर्ति में में चंद्रमा और दायीं तरफ सूंड़ लिए मूर्ति में सूर्य का वास होता है।
10 – धार्मिक मान्यता है कि बायीं तरफ वाली सूंड वाली प्रतिमा की पूजा पर साधक की धन, करिअर, कारोबार, संतान सुख और दांपत्य सुख आदि से जुड़ी सभी कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं।
11 – दायींं ओर सूंड़ किए हुए गणपति को सिद्धिविनायक कहा जाता है। जिनकी पूजा करने पर साधक शत्रुओं पर विजय पाता है और उसके जीवन से जुड़ी सभी बाधाएं दूर होती हैं।
12 – वास्तु के अनुसार घर में गणपति की कभी भी 3, 5, 7 या 9 की संख्या में मूर्ति नहीं रखना चाहिए। इसकी बजाय आप चाहें तो 2, 4 या 6 जैसी सम संख्या में गणपति की मूर्तियां रख सकते हैं।
13 – वास्तु के अनुसार अपने घर में गणपति की मूर्ति बिठाते समय दिशा का विशेष ख्याल रखें और गणपति को ईशान कोण में साफ – सुथरे पवित्र स्थान पर स्थापित करें।
14 – घर में गणपति की मूर्ति को हमेशा ऐसा स्थापित करें कि वे घर के भीतर की ओर देख रहे हों न कि बाहर की ओर। साथ ही उन्हें जब भी रखें तो उनकी पीठ नहीं दिखनी चाहिए।
15 – यदि आप किसी ऐसे स्थान पर हैं जहां पर गणपति की मूर्ति न मिल पाए तो आप अपने घर में सुपारी के गणेश बनाकर भी उनकी पूजा करके शुभ फल की प्राप्ति कर सकते हैं।
16 – वास्तु शास्त्र के अनुसार गणपति की मूर्ति सभी प्रकार के वास्तु दोष को दूर करने वाली मानी गई है। वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर गणपति की आगे और ठीक पीछे मूर्ति लगाने से घर से जुड़े तमाम तरह के दोष दूर हो जाते हैं और सुख.समृद्धि का वास बना रहता है।
इन मंत्रों का जाप करें।
1 — वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
2 — ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।
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दिन में 3 बार लगाएं भोग
घर में गणपति की स्थापना की है तो दिन में 3 बार भोग जरूर लगाएं। गणपति बप्पा को प्रतिदिन मोदक का भोग जरूर लगाएं। मोतीचूर या बेसन के लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं।
इस समय में स्थापित होंगे गणपति बप्पा –
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार ये गणेश जी दोपहरिया गणेश कहलाते हैं। यानि घर में गणेश जी की प्रतिमा दोपहर 12 बजे स्थापित की जा सकती है। इस बार चतुर्थी तिथि 30 अगस्त को दोपहर 2ः23 मिनट पर आ जाएगी। जो 31 अगस्त को दोपहर 1ः47 तक रहेगी। यानि 31 अगस्त उदया तिथि में गणेश चर्तुथी मनाएगी जाएगी। भले ही चर्तुथी तिथि दोपहर तक हो। लेकिन गणेश स्थापना पूरे दिन तक की जा सकेगी। चलिए जानते है 31 अगस्त को कौन-कौन से मुहूर्त आने वाले हैं।
31 अगस्त को गणेश चतुर्थी स्थापना के मुहूर्त –
लाभ, अमृत – सुबह 6 से 9 बजे तक
शुभ चौघड़िया – सुबह 10ः30-12 बजे तक
चर और लाभ – दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक
शुभ और अमृत – शाम 7ः30 बजे से रात 10ः30 बजे तक
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ 30 अगस्त 2022 को 02ः33 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त 31 अगस्त 2022 को 01ः47 बजे
गणेश चतुर्थी व्रत पूजन की तारीख: 31 अगस्त 2022
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