DELHI: कांग्रेस के सबसे दिग्गज माने जाने वाले नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने कुछ दिन पहले पार्टी को छोड़ दिया है. उन्होंने पार्टी को अपने एक पांच पेज की चिट्ठी लिख कर इस्तीफा दिया था. अब इस इस्तीफे की अंदर की कहानी एक न्यूज एजेंसी के हवाले से सामने आई है जिसमें गुलाम के इस्तीफे की सच्चाई उजागर हो गई है।
इस्तीफे के कारण के मुख्य बिंदु-
गुलाम के मुताबिक इस्तीफे का फैसला एक दिन का नहीं है उनके अंदर 9 साल से अतरद्वंद चल रहा था। आजाद ने बताया कि उनका ये इस्तीफा देना कोई एक दिन का फैसला नहीं है. उन्होंने कहा मैं भागा नहीं हूं, मैं तो लड़ना चाहता था, संघर्ष करना चाहता था. लेकिन मैं ऐसी लड़ाई लड़ रहा था जहां मुझे कोई हथियार ही नहीं दिया गया. मुझे 40 साल में पहली बार स्टार कैंपेन लिस्ट से बाहर किया गया जिसके चलते मेरे पार्टी में काम करने की जगह ही नहीं बची थी।आजाद ने दावा किया कि पूरी कांग्रेस को ये बात पता है कि राहुल गांधी अपने सुरक्षाकर्मी और पर्सनल स्टाफ से सलाह लेते हैं. अनुभव वाले नेताओं को साइडलाइन कर दिया जाता है जाहिर सी बात है हमारा साइडलाइन होना तय था।
और भी हैं कई कारण
इसके अलावा उन्होंने राहुल गांधी के ‘दोहरे चरित्र’ पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सदन में दो मिनट के भाषण के बाद पीएम मोदी से गले मिल लेते हैं. वहां कहते हैं कि उन्हें उनसे कोई शिकाय नहीं है. कोई समस्या नहीं है. जब कोई शिकायत नहीं है, तो फिर बाहर चिल्लाते क्यों हो, क्यों शोर करते हो इस बात से भी गुलाम नाराज रहते थे।इसके साथ ही गुलाम ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर भी निशाना साधते हुए कहा कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी अपनी सबसे बड़ी भारत जोड़ो यात्रा निकालने वाली थी, तब आजाद ने पार्टी छोड़ दी. अब इस पर भी गुलाम नबी ने मुंहतोड़ जवाब दिया. उन्होंने कांग्रेस पार्टी को आईना दिखाते हुए कहा है कि भारत को इस समय जोड़ने की जरूरत नहीं है. जोड़ने का काम 1947 के बाद कर लिया गया था.