BASTAR: बस्तर जिले के स्थानीय अतिथि शिक्षकों ने अपनी बहाली की मांग एक बार फिर उठाई है, अपनी मांगों को लेकर सोमवार को जगदलपुर में कलेक्टर से मुलाकात करने पहुंचे स्थानीय अतिथि शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग उनका उपयोग सत्र के आखिरी महीनों में करता है जबकि उन्हें पूरे सत्र में काम दिया जाना चाहिए। बता दें कि इससे पूर्व भी स्थानीय अतिथि शिक्षकों ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर 1 महीने तक धरना प्रदर्शन किया था, लेकिन जिला प्रशासन ने मांगे पूरी नहीं की। जहां एक और जिले के साथ प्रदेश भर में शासकीय शिक्षक डीए और एचआरए की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिले के सभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है ऐसे में स्थानीय अतिथि शिक्षकों को एक बार फिर बहाल कर उनकी सेवाएं लिए जाने की उम्मीद जागी है।
अभी क्या है स्थिति
फिलहाल बस्तर संभाग के 7 जिलों में 1800 स्थानीय अतिथि शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं दंतेवाड़ा नारायणपुर कांकेर कोंडागांव जिले में इन शिक्षकों की भर्ती स्थानीय अतिथि शिक्षक के रूप में की गई है वही बस्तर जिले में शिक्षक सेवक सुकमा और बीजापुर में शिक्षा दूत के रूप में इन शिक्षकों की नियुक्ति हुई स्थानीय अतिथि शिक्षक कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने का कहना है पूर्व में उन्हें मानदेय के रूप में 9 हजार से 11 हजार रुपए दिया जा रहा था जबकि स्थानीय प्रशासन ने इस राशि को घटाकर 5000 कर दिया है ऐसे में इतनी कम राशि में उनका जीवन यापन कर पाना बेहद मुश्किल भरा है बस्तर संभाग के अतिथि शिक्षकों ने राज्य अतिथि शिक्षक में मर्ज करने की मांग प्रमुख रूप से रखी है।
अब देखना होगा क्या बच्चों के हित के लिए क्या अतिथि शिक्षकों की मांग को माना जाएगा..ताकि बच्चों की शिक्षा सुचारू रूप से चल सके