नई दिल्ली। पति की दीघार्यु और Hartalika Teej 2022 Upay अच्छे वर की प्राप्ति के लिएि 30 अगस्त यानि मंगलवार को महिलाएं हरतालिका व्रत पूजन करेंगी। लेकिन इस दौरान आपको कुछ खास बातें हैं जिन्हें विशेष रूप से ध्यान देने की hartalika teej kub hai 2022 जरूरत है। पति की दीर्घायु के लिए खासतौर पर रखा जाने वाला ये व्रत निर्जला होता है। महिलाएं दिन भर व्रत रखक चारों पहर के हवन करके ये वत्र रखती हैं। इसी के साथ तीज की पूरी रात हवन और भगवान शिव-पार्वती के कीर्तन में गुजरती है। जानकारों की मानें तो इस पूजन में कुछ खात पत्तियों के पूजन बिना अधूरा है। तो चलिए जानते हैं वे कौन सी 16 पत्तियां हैं जिन्हें आपको पूजन में जरूर चढ़ाना चाहिए। साथ ही जानते हैं पूजन का सही मुहूर्त, विधि, उपाय, और महत्व।
हरतालिका तीज व्रत के प्रभाव से महिलाओं को पति की दीर्धायु, परिवार के सुख.शांति और सुयोग्य वर प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पूजा में 16 प्रकार की इच्छपूर्ती पत्तियां महादेव.मां पार्वती को जरूर चढ़ाना चाहिए। इससे गौरीशंकर जल्दी प्रसन्न होते हैं।
ये हैं वे 16 पत्तियां जिनसे भगवान शिव-पार्वती होंगे प्रसन्न
हरतालिका तीज की पूजा में बेलपत्र, तुलसी, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, अशोक पत्ते, पान पत्ते, केले के पत्ते, शमी के पत्ते भोलेनाथ और पार्वती को विशेषतौर पर चढ़ाना चाहिए।
30 अगस्त को मनेगी तीज
पति की दीर्घायु के लिए Hartalika Teej 2022 किया जाने वाला व्रत हरितालिका तीन इस वर्ष 30 अगस्त को मनाया जाएगा। हिन्दु पंचांग के अनुसार हर साल ये व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन किया जाता हैं। आपको बता दें यह व्रत और hartalika teej vrat niyam 2022 इसकी पूजा बहुत ही कठिन मानी जाती है। महिलाएं अपने पति और परिवार की सेहत और दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना से यह व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं इस बार पूजा के लिए क्या शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। साथ ही जानें ग्रह संयोग।
तिथि: तृतीया तिथि 29 अगस्त दिन सोमवार को दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 30 अगस्त मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट रहेगी। उदयातिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा।
हरतालिका तीज पूजा के शुभ मुहूर्त Hartalika Teej 2022 Date And Time
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11ः33 से 12ः24 तक।
विजयी मुहूर्त – दोपहर 02ः05 से 02ः56 तक।
अमृत काल मुहूर्त – शाम 05ः38 से 075ः17 तक।
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06ः07 से 06ः31 तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त – शाम 06ः19 से 07ः27 तक।
निशिथ मुहूर्त – रात्रि 11ः36 से 12ः21 तक।
हरितालिका तीज पर बनेंगे ये शुभ योग – Hartalika Teej shubh Sanyog 2022
इस दिन के शुभ योगों की बात करें तो 30 अगस्त को हस्त नक्षत्र रहेगा। इतना ही नहीं इा दिन पूरे दिन रवियोग और शुभ योग रहेगा। सूर्य सिंह में, बुध और चंद्र कन्या में, केतु तुला में, शनि मकर में, गुरु मीन में, राहु मेष में, मंगल वृषभ में और शुक्र कर्क में रहेगा।
पूजन सामग्री –
शिव-पार्वती और श्रीगणेशजी की मिट्टी की मूर्ति, पीला वस्त्र, दही, शहद, दूध, धतूरा, शमी के पत्ते, केले का पत्ता, जनेऊ, सुपारी, रोली, कलश, बेलपत्र, दूर्वा, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, फुलहारा और 16 श्रृंगार का सामान।
हरतालिका तीज पूजा विधि – Hartalika Teej Puja vidhi
- इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं सूर्योदय से पूर्व ही उठ करए नहा कर पूरा श्रृंगार करती हैं।
- पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी.शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है।
- इसके साथ पार्वती जी को सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है।
- रात में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है।
- इस व्रत के व्रती को शयन का निषेध है इसके लिए उसे रात्रि में भजन.कीर्तन के साथ रात्रि जागरण करना चाहिए।
- फिर अगले दिन प्रातःकाल स्नान करने के पश्चात् श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक किसी सुपात्र सुहागिन महिला को श्रृंगार सामग्री, वस्त्र, खाद्य सामग्री, फल, मिष्ठान्न एवं यथा शक्ति आभूषण का दान करना चाहिए।
- रेत के शिवलिंग बनाए हैं तो उनका जलाशय में विसर्जन किया जाता है और खीरा खाकर इस व्रत की पूर्णता की जाती है।
- इस दिन ॐ पार्वतीपतये नमः, मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए।
क्या हैं इस व्रत के नियम –
इस दिन व्रत के कुछ नियम हैं जिन्हें निभाना चाहिए। नहीं तो व्रत के खंडित होने का डर रहता है।
ये हैं वे नियम
क्रोध करने से बचें
ज्योतिषाचार्यों की माने तो तीज के व्रत के दौरान मन को शांत रखकर ही महिलाओं को मां गौरा की पूजा करना चाहिए। इस दिन किसी पर भी क्रोध करने से बचना होगा। आपके सभी के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। हाथों पर मेंहदी लगाने से गुस्सा शांत होता है। यह हाथों को सुंदर बनाने के साथकृसाथ गुस्से को शांत रखने का भी काम करती है।
निराहार रहें
मान्यताओं के अनुसार हरितालिका तीज का व्रत निराहार रखना चाहिए। दिन में कुछ भी न खाएं। हालांकि कुछ विशेष स्थितियों में जैसे गर्भवती होने या बीमार होने पर इन इन नियमों में छूट दी जा सकती है। इस व्रत को अगर निर्जला किया जाता है तो इसका फल अधिक मिलता है।
सोने से बचें
इस व्रत में महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। मान्यताओं को अनुसार इस दिन मां पार्वती और शिव की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
मन में न लाएं बैर और द्वेष
धर्म विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी व्रत को सच्चे मन से पूरी श्रृद्धा और निष्ठा के साथ किए जाने पर ही उसका फल मिलता है। चूकिं हरितालिका तीज भी बहुत विधि.विधान से किए जाने वाला व्रत है। इसलिए मन में बैर लाए बिना सभी लोगों का सम्मान करें।
हरतालिका तीज के भजन (Hartalika Teej Bhajan)
1 – रहे जनम जनम का साथ मेरे साजन
रहे जनम जनम का साथ मेरे साजन
हो हाथो में हरदम हाथ पिया मन भावन का
रहे जनम जनम का साथ मेरे साजन
हे शिव शंकर हे भोलेदानी
मांगू मै ये वरदान सदा सुहागन का
रहे जनम जनम का साथ मेरे साजन
तीज का व्रत उपवास किया है
सजना के नाम का श्रृंगार किया है
दमके मांग में सिंदूर प्रीतम के अभिमान का
हे शिव शंकर हे भोलेदानी
मांगू मै ये वरदान सदा सुहागन का
रहे जनम जनम का साथ मेरे साजन
प्रेम रंग रंगायो मैंने मन की चुनरिया
मेरी तो जान है मेरा सांवरिया
कभी छुटे ना साथ पिया के दामन का
हे शिव शंकर हे भोलेदानी
मांगू मै ये वरदान सदा सुहागन का
रहे जनम जनम का साथ मेरे साजन
2 – भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
वो तो गौरा से प्यार कर बैठे
मैंने ढोलक मंगाई भोले के लिए
वो तो डमरू से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने गाड़ी मंगाई भोले के लिए
वो तो नंदी से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने माला मंगाई भोले के लिए
वो तो नागो से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने भोजन मंगाया भोले के लिए
वो तो भंगिया से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने गागर भराई भोले के लिए
वो तो गंगा से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
वो तो गौरा से प्यार कर बैठे