Sim Card : आज के समय में मोबाइल फोन इंसान के जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। अगर एक पल के लिए हमारा मोबाइल फोन हमसे दूर हो जाए तो हमे बेचैनी सी महसूस होने लगी है। क्योंकि मोबाइल फोन ही एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से हम हजारो, लाखों किलोमीटर दूरी पर बैठे अपनों से पल भर में संपर्क कर सकते है। यानि कुल मिलाकर आज के समय में मोबाइल फोन हमारे जीवन का बेहतरीन जरिया बन चुका है।
मोबाइल फोन हमारे जीवन के लिए काफी सुविधा जनक साबित हुआ है, तो कई जगह परेशानी का कारण भी बना है। मोबाइल फोन पर लोग कई घंटों तक चिपके रहते है। लेकिन मोबाइल फोन का हम इस्तेमाल तो जरूर करते है पर मोबाइल से जुड़ी ऐसी कई चीजे हैं जिनके बारे में हमें नहीं पता होता है। इन्हीं में से हैं मोबाइल फोन की सिम, (Sim Card) आपने कभी गौर किया होगा की आखिरकार मोबाइल फोन में लगने वाली सिम (Sim Card) का एक हिस्सा क्यों कटा होता है। शायद नहीं। तो आइए बताते है कि क्यों कटा होता है मोबाइल फोन का सिम कार्ड? (Sim Card)
दरअसल मोबाइल फोन में डलने वाली सिम कार्ड (Sim Card) की मदद से ही मोबाइल में नेटवर्क आते हैं, सिम के माध्यम से ही हम फोन, मैसेज और इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाते है। आपने देखा होगा कि सिम कार्ड (Sim Card) की एक साइड में एक कट लगा होता है, दुनियाभर में जितनी भी टेलिकॉम कंपनियां हैं उनकी सिम कार्ड (Sim Card) एक कौने से कटी होती है। हालांकि जब सिम आना शुरू हुई थी तब ऐसा नहीं था, शुरूआत में सिम कार्ड (Sim Card) चौकोर होते थे।
क्यों कटा होता है सिम कार्ड (Sim Card)
आपके मन में एक सवाल अब जरूर उठ रहा होगा की जब सिम कार्ड (Sim Card) चौकोर आते थे तो बाद में इसे काटने की जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल चौकोर सिम कार्ड (Sim Card) के चलते लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। क्येांकि लोग सिम (Sim Card) को कैसे लगाना है यह समझ नहीं पाते थे। ऐसे में लोग सिम (Sim Card) को उल्टा लगा देते थे। जिससे सिम काम नहीं करती थी। और ऐसा करने पर कई बार सिम कार्ड (Sim Card) खराब हो जाता था। वही टेलीकॉम कंपनियों का सिर दर्द बढ़ जाता था।
ऐसे में इस समस्या का हाल निकाला गया। सिम कार्ड (Sim Card) के इस्तेमाल को सुविधाजनक बनाने के लिए सिम के एक कौने से उसे काट दिया जाने लगा। वही मोबाइल फोन के अंदर सिम होल्डर भी कटी सिम (Sim Card) के आकार के बनाए जाने लगे। ताकि लोग आसानी से सिम (Sim Card) सही तरीके से लगा सके। इसके बाद दुनियाभर की टेलीकॉम कंपनियों ने यह तरीका अपनाना शुरू कर दिया।