JNU Chancellor Statement: इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की कुलपति का बयान सामने आया है जहां पर उन्होंने देवी-देवताओं पर जातिगत टिप्पणी की है। जिसमें भगवान शिव को उन्होंने अपने बयान में शूद्र कहा है।
भगवान शिव पर की विवादित टिप्पणी
आपको बताते चलें कि, (JNU) की कुलपति शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने बयान देते हुए कहा कि,हिंदू देवता किसी ऊंची जाति से नहीं आते हैं। भगवान शिव भी शूद्र हैं, क्योंकि वे श्मशान में बैठते हैं।, “कोई देवता ब्राह्मण नहीं है। सबसे ऊंचा दर्जा क्षत्रिय का है। शिव जरूर अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के होंगे, क्योंकि वह श्मशान में सांप के साथ बैठते हैं। उनके पास पहनने के लिए बहुत कम कपड़े हैं। मुझे नहीं लगता कि ब्राह्मण कब्रिस्तान में बैठ सकते हैं। तो स्पष्ट रूप से देवता ऊंची जाति से नहीं आते हैं। अगर आप देखें लक्ष्मी, शक्ति और जगन्नाथ सभी देवी-देवता आदिवासी हैं। तो हम अभी भी इस भेदभाव को क्यों जारी रख रहे हैं, जो बहुत ही अमानवीय है।”
बौद्ध धर्म पर दिया बयान
आपको बताते चलें कि, विवादित बयानों की श्रेणी में चांसलर ने और भी बयान दिया है जिसमें कहा कि,बौद्ध धर्म सबसे महान धर्मों में से एक है, क्योंकि यह साबित करता है कि भारतीय सभ्यता असहमति, विविधता और अंतर को स्वीकार करती है।अगर भारतीय समाज कुछ अच्छा करना चाहता है तो जाति को खत्म करना बेहद जरूरी है। मुझे समझ में नहीं आता कि हम उस पहचान के लिए इतने इमोशनल क्यों हैं, जो भेदभावपूर्ण और असमान है। हम इस आर्टिफिशियल आइडेंटिटी की रक्षा के लिए किसी को भी मारने के लिए तैयार हैं।