Knowledge News :बहुत सारी चीजे हमारे आसपास ऐसी रहती है। जिनके बारे में हम कभी ज्यादा ध्यान नहीं देते है। कभी-कभी जब हम उनके बारें में अचानक से याद करते हाई तो उनके बारे में हमको पता हिनहि रहता है। ऐसी ही आज एक जानकारी आपके देने वाले है जी आपके ज्ञान को बढ़ाएगी जानते हाई ऐसे ही एक रोचक जानकारी के बारें में –
आज के समय में हर इंसान रुपए कमाने की चाह में दिन रात मेहनत करते है। आप जब भी मार्केट में जाते है कुछ भी खरीदते है तो आप नोट का लेन-देन तो करते है। हर एक नोट की अपनी अलग वैल्यू होती है और उसके बदले दुकानदार या ग्राहक नोटों का विनिमय करते हैं। देश में मौजूद नोटों के मूल्यों का जिम्मेदार आरबीआई गवर्नर होता है। एक रुपए के नोट को छोड़कर आरबीआई यानी ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया’ (Reserve Bank Of India) के गवर्नर का हस्ताक्षर हर एक नोट पर आपको गवर्नर के हस्ताक्षर तो देखने के मिलते है। गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ-साथ आपने देखा होगा मैं धारक को — रुपये अदा करने का वचन देता हूं। जितने के नोट रहता है उसमे उतनी है कीमत लिखी रहती है जैसे की पांच सो के नोट है तो उस पर लिखा रहता है ,मैं धारक को 500 रुपये अदा करने का वचन देता हूं। जानते है आखिर ऐसा क्यों लिखा रहता है।
ये है आरबीआई का नियम
आरबीआई आपने धारक को विश्वास दिलाने के लिए वचन लिखते है कि जितने का नोट उनके पास है। उतने ही बराबर मूल्य का सोना रिज़र्व बैंक के पास सुरक्षित रखा है। यानी इस बात की गारंटी है कि 100 या 200 रुपये के नोट के लिए धारक को 100 या 200 रुपये की देयता है।