Indian Railways: भारतीय रेलवे विश्व का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क होने के बाद भी हमेशा घाटे में ही रहता है। इन्हीं कई कारणों के चलते रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी है खिलाड़ियों को रेल किराए में मिलने वाली छूट को बहाल नहीं किया जाएगा। बता दें यह जानकारी रेल मंत्री ने खुद देश के निम्न सदन लोकसभा में साझा की है।
मामला विस्तार से
रेल मंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में अपने एक बयान में कहा कि बुजुर्गों और खिलाड़ियों को रेल किराये में मिलने वाली छूट अब नहीं मिलेगी.उन्होंने आगे कहा, अभी भी किराये की लागत का 50 प्रतिशत खर्च सरकार ही उठाती है. 2019-20 में बुजुर्गों को मिलने वाली किराए की छूट से सरकार को 1667 करोड़ रु आर्थिक खर्च उठाना पड़ा था। रेलवे पर बढ़ते खर्च के बोझ को कम करने के लिए मंत्रालय ने यह फैसला लिया है.
कोरोना महामारी के पहले का दौर
बता दें, कोरोना महामारी से पहले रेलवे सीनियर सिटीजंस और खिलाड़ियों को यात्रा पर कई तरह की छूट देता था, लेकिन कोरोना काल में लाकडॉउन के दौरान ट्रेनों का परिचालन बंद होने के साथ यह छूट भी बंद हो गई. जब परिचालन फिर से शुरू हुआ तो सभी ट्रेनों को स्पशेल या फेस्टिवल स्पेशल के नाम से चलाया गया और सभी श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली रियायत वापस ले ली गई.
रेलवे के इस फैसले से देश के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों और बुजुर्ग यात्रियों और उनके परिजनों को रलवे के इस फैसले से निराशा हाथ लगी है।इनको ऐसी उम्मीद थी कि, पहले की तरह मिलने वाली रियायतें फिर बहाल होंगी मगर रेलवे ने यात्रियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. ऐसे में खिलाड़ी और बृद्धजन यात्री फिलहाल फुल किराए पर ही यात्रा करते रहेंगे.