उज्जैन। रक्षाबंधन के पर्व की शुरुआत हो गई है। कालों के काल महाकाल को बांधी गई सबसे पहली राखी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बाबा महाकाल के दरवार में रक्षाबंधन का पर्व रक्षाबंधन के पर्व पर सवा लाख लड्डुओं का बाबा महाकाल को लगाया गया भोग , वही पूरे महाकाल मंदिर के नदी हाल व गर्भगृह को आकर्षक ताजे फलों से सजाया गया है भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन जिसे विश्व भर में बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस साल राखी ये त्यौहार 11 अगस्त को मनाया जा रहा है. हमेशा की तरह विश्व प्रसिद्ध एक मात्र दक्षिण मुखी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के प्रांगण में इस पर्व को सबसे पहले मनाया गया इस दौरान महाकालेश्वर भगवान को विश्व की सबसे पहली और बड़ी राखी बांधी जाएगी और सवा लाख लड्डुओं का भोग भी लगाया गया , साथ पुजारी परिवार की महिलाओं ने बाबा के लिए राखी तैयार की गई थी.
ब्रह्म मूहर्त बाबा महाकाल को बांधी गई राखी
अल सुबह महाकाल के दरबार में पर्व की शुरुआत हुई. ब्रह्म मूहर्त में बाबा महाकाल को पुजारी परिवार की महिलाओं द्वारा राखी बांधी जाएगी. इसके बाद भस्मार्ती होगी और बाबा को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा.
पूरे सावन पुजारी परिवार की महिलाएं रखती हैं व्रत
खास बात यह है कि पूरे सावन माह में पुजारी परिवार की महिलाएं उपवास रख मंगल गान गाते हुए बाबा महाकाल के लिए विशेष राखी तैयार की गई है.जिसे बांधने के बाद ही बाबा को चढ़ने वाले लड्डू प्रासदी से वृत खोला गया कोरोना के 2 साल बाद अब भक्त बाबा के साथ पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.