BHOPAL: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भोपाल की जनता को ‘उड़न-खटोला’ के सपने दिखा दिए हैं।दरअसल यह बात राजधानी की शहर सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की है।यहां नगर निगम कार्यालय भोपाल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज पहुंचे।यहां शिवराज ने अपने भाषण में कहा भोपाल शहर में मेट्रो और बसें तो चलेंगी ही, साथ अब केबल कार के माध्यम से हवा में आवागमन की व्यवस्था का भी हमारा प्रयास है…जिससे राजधानी के नागरिक एक जगह से दूसरी जगह उड़ कर जा सकें।इस प्रकार शिवराज ने शहर की जनता को हवाई उड़न खटोले के सपने दिखा दिए हैं।
देखें क्या कहा शिवराज ने-
क्या होती है केबल कार (What is Cable Car)
यात्रा की यह नवीन तकनीकि से विकसित एक प्रणाली है। इसमें एक ही खंबे पर दोनों तरफ के सफर के लिए तारों के ज़रिए केबल कारें को दौड़ाया जाता है।जब यह कार स्टेशन पर पहुंचती है तब यह खुद को तार से अलग कर के मुसाफ़िरों को उतारती है। फिर से तारों से जुड़कर आगे के सफर पर बढ़ जाती हैं।केबल कार कई प्रकार की होती है।कई केबल कार का फर्श शीशे का बना होता है. इसके आर-पार दिखता है. ऊंचाई पर बैठ कर नीचे देखना डराने वाला मंजर भी हो सकता है.अगर आसान शब्दों में कहें तो एक रोपवे लगातार घूमते रहने वाले सिद्धांत पर काम करता है. केबल से लगी ट्रॉली लगातार यात्रा करती रहती है.
केबल कार की रचना और फायदा
रोपवे के दोनों छोरों पर यात्री इसमें सवार होते हैं और उतरते हैं. एरियल रोपवे में केबल पर स्पेशल ट्रॉलीनुमा कारें होती हैं, जिन्हें ओवरहेड केबल से लटका दिया जाता है और ये माल या यात्रियों को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए लगातार चलती रहती हैं.ये केबल आमतौर पर स्टील के वायर से बनी होती हैं और बहुत ही मजबूत होती हैं, स्टेशनों को एक सीधी लाइन में जोड़ती हैं. जमीन के ऊपर परिवहन के साधनों में से यह एक ऐसा साधन है, जो हमें सड़क मार्ग पर लगने वाले ट्रैफिक से बचाता है.
कब और किसने की रोपवे की शुरुआत
रोप वे यानी स्पष्ट है कि रस्सी के सहारे यात्रा का मार्ग. इसमें एक मजबूत हवाई केबल पर स्थिर इंजन या इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होता है. इसका उपयोग यात्री और माल, दोनों तरह के परिवहन के लिए किया जाता है. केबल परिवहन की खोज 16 मार्च 1836 को लंदन में जन्में Andrew Smith Hallidie ने सन वर्ष 1873 में की थी.
पीएम मोदी ने रखी थी इसकी नीव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में बताया था कि, चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है. भविष्य में यहां केदारनाथ जी तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. हेमकुंड साहिब जी के दर्शन को आसान बनाने के लिए रोप-वे बनाने की तैयारी है.
गोरतलब हो कि, केंद्र सरकार ने देहरादून और मसूरी के बीच रोपवे प्रोजेक्ट (Dehradun Mussoorie Ropeway Project) को मंजूरी दी थी.ये 5580 मीटर यानी करीब 5.6 किमी लंबाई का मोनो-केबल रोपवे है. पीपीपी मोड यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत इसका निर्माण होगा. इसका निचला टर्मिनल स्टेशन देहरादून के पुर्कुल गांव में होगा, जबकि ऊपरी टर्मिनल स्टेशन लाइब्रेरी, मसूरी में होगा CABLE CAR IN BHOPAL.