Right to Information : सरकारी विभागों में हम हजारों बार चक्कर काटने के बाद भी हमारा काम नहीं हो पाता है। कई बार तो सरकारी अधिकारी हमारी बात नहीं सुनते है तो कुछ अधिकारी तो तकनीकी दिक्कत का हवाला देकर बात को टाल देते है। ऐसे में हमारा काम कई दिनों तक सरकार विभागों में अटक कर रह जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि हम सरकारी अधिकारी के कुछ नहीं कर सकते हैं। हम सूचना के अधिकार (Right to Information) के तहत जानकारी ले सकते है। सूचना के अधिकार (Right to Information) क्या है और यह कैसे काम करता है। अगर कोई अधिकारी हमे जानकारी नहीं देता है तो हमें क्या करना चहिए। आइए जानते है।
क्या है सूचना के अधिकार (Right to Information)
सरकार ने आम जनता के लिए एक पावर दी है। जिसे हम सूचना का अधिकार (Right to Information) के नाम से जानते हैं। यह अधिकार साल 2005 से अमीर-गरीब से परे हर आम नागरिक के पास है। इसके तहत हम सरकार के किसी भी विभाग से किसी भी तरह की सूचना मांग सकते हैं। आमतैर पर लोगों को इतना ही पता होता है। आधी जानकारी के साथ लोग सादे कागज पर अपने सवाल लिख कर आरटीआई (Right to Information) तो फाइल कर देते हैं, लेकिन उसका जवाब नहीं मिलता। क्योंकि फाइल करने का सही तरीका और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की हमें पूरी जानकारी ही नहीं है। हम आपको बताते हैं सरकारी अधिकारियों से जानकारी कैसे निकलवानी है।
आरटीआई से हमे क्या लाभ?
आरटीआई (Right to Information) की मदद से हम सरकार से किसी भी तरह का सवाल कर सकते हैं। आरटीआई (Right to Information) ऐसा हथियार है जिससे हम सरकार से किसी भी दस्तावेज की जांच करवा सकते हैं। आरटीआई (Right to Information) के द्वारा हम सरकार से किसी भी दस्तावेज की प्रमाणित कॉपी मांग सकते हैं। आरटीआई (Right to Information) की जानकारी रखेंगे तो सरकार हमारे आसपास जितना भी काम करवा रही है, उसमें इस्तेमाल सामग्री के बारे में जानकारी और नमूना भी मांग सकते हैं। आरटीआई (Right to Information) हमें किसी भी कामकाज का निरीक्षण करने में भी मदद करती है।
नही मिले जानकारी तो क्या करें?
अगर सरकारी विभाग की तरफ से 30 दिन में आपको जवाब नहीं मिलता है तो इस धारा के तहत आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हैं। अगर आपकी प्रथम अपील का भी जवाब नहीं आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर दूसरी अपील अधिकारी को अपील कर सकते हैं। अगर इसके बाद भी आपको अगर जानकारी नहीं मिल रही हैं तो आप कोर्ट की शरण भी ले सकते है। आपको बता दें, हर राज्य में आवेदन शुल्क अलग होता है। उत्तर प्रदेश में आवेदन का शुल्क प्रति पेज 15 रुपये से घटा कर 5 रुपये कर दिया गया है। वहीं, उत्तराखंड में फीस 10 रुपये है।
क्या है आईटीआर का फार्मेट
सेवा में,
अधिकारी पद/सूचना अधिकारी
विभाग का नाम………..
विषयरू RTI ACT 2005 के अंतर्गत ………………… से संबंधित सूचनाएं।
अपने सवाल यहां लिखें।
1……………..
2………….
3…………..
मैं आवेदन फीस के रूप में 20रु का पोस्टलऑर्डर ………….. संख्या अलग से जमा कर रही/रहा हूं।
या
मैं बीपीएल कार्डधारी हूं. इसलिए धारा (7)5 तहत सभी शुल्कों से मुक्त हूं. मेरा बीपीएल कार्ड नंबर ……………. है।
यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय ले संबंधित नहीं है तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा (6)3 का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन संबंधित लोकसूचना अधिकारी को पांच दिनों के समयावधि के अंदर हस्तांतरित करें। साथ ही, अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूचना उपलब्ध कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम और पता अवश्य बताएं।
भवदीय
नाम-
पता-
फोन नं.-
हस्ताक्षर-