Water Quality Index India : देश में पानी को लेकर आई जानकारी को लेकर जो खबर आ रही है वो पुरे देश के लिए चिंताजनक है। केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि देश के अधिकतर राज्यों के ज्यादातर जिलों के हिस्सों में ग्राउंड वाटर में जहरीली धातुओं की मात्रा तय मानक से काफी अधिक है जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है। सरकार ने बताया है कि देश के 209 जिलों में ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक और 491 जिलों में आयरन की मात्रा अधिक पाई गई है। इतना ही नहीं सीसा, यूरेनियम, क्रोमियम और कैडमियम की मात्रा भी ग्राउंड वाटर में अधिक पाई गई है।
इंसान को जिन्दा रहने के लिए पानी पीना बहुत आवश्यक रहता है। शरीर में पानी की मात्रा का पर्याप्त मात्रा में होना जरुरी होता है।हमारे शरीर में 66% पानी हमारे दिमाग में 75% पानी , हड्डियों में 25% पानी और खून में 83% पानी रहता है। एक इंसान अपने पुरे जीवन काल में 75 हज़ार लीटर पानी पीता है। डॉक्टर्स भी अच्छी सेहत के लिए ज्यादा पानी सेवन करने के लिए कहते है। काम से काम दो लीटर पानी एक स्वस्थ्य व्यक्ति को पीना ही चाहिए। लेकिन जो पानी आप पी रहे है क्या वो आपके स्वस्थ्य को लाभ पंहुचा रहा है या आप पानी नहीं जहर पी रहे है।
यह बात हम यूं ही नहीं कह रहे है। ये बात सरकार ने खुद संसद में बताई है। सरकार ने राज्यसभा में जो आंकड़े दिए हैं वो आंकड़े दिए है वो देश वासियों के लिए काफी डराने वाले है। इन आंकड़ों में सरकार ने बताया कि जो पानी हम पीते आ रहे है वो जहरीला बन चूका है। देश के अधिकतर राज्यों में ग्राउंड वाटर में जहरीली धातुओं की मात्रा काफी ज्यादा पाई गई है।
भारत की 80% आबादी पी रही है जहरीला पानी !
जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश की 80 फीसदी से ज्यादा आबादी को पानी ग्राउंड वाटर पानी ही पीती है। ग्राउंड वाटर में खतरनाक धातुओं की मात्रा तय मानक से ज्यादा हो जाने से 80 फीसदी से ज्यादा आबादी को जहरीला पानी पीना पड़ रहा है।
सरकार ने राज्यसभा में उन रिहायशी इलाकों की संख्या का आंकड़ा भी जारी किया है जहां पीने के पानी के स्रोत प्रदूषित हो चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार , 671 इलाके फ्लोराइड, 814 इलाके आर्सेनिक, 14079 इलाके आयरन, 9930 इलाके खारापन, 517 इलाके नाइट्रेट और 111 इलाके भारी धातु से पाई जा रही है। ये आंकड़े किसी को भी डरा सकते है।
भारत की अधिकतर आबादी अभी भी गांवों में रहती है। ये समस्या भी शहर से ज्यादा गांव के लोगों को प्रभावित कर रही है। क्योंकि गांव में पानी का मुख्य स्रोत हैंडपंप, कुआं या नदी-तालाब होते हैं। जिनका सीधा पाने जमीन से ही आता है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग के लिए समस्या काफी भयंकर है वो जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं।