देश में डिजिटल युग के बाद से वित्तीय लेनदेन अब ऑनलाइन हो गया है। अब कई पेमेंट एप और नेटबैंकिंग के जरिए एक क्लिक में पैसा एक खाते से दूसरे खाते में आसानी से चला जाता है। लेकिन कभी कभी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भारी भी पड़ जाता है। जल्दबाजी में गलत खाते में पैसे ट्रांसफर होने के चलते लोगों को कई परेशानियों का सामना करना होता है। अब मान लो की आपको अर्जेंट में किसी को पैसा देना है और गलत खाता नंबर पर पैसा चला जाए तो आप क्या करोगे? ऐसे मामले सामने आते रहे है। लेकिन अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। हम आपको बताने जा रहे है कि ऐसे स्थिित में आपको क्या करना चाहिए।
तरुंत करें बैंक को सूचित
अगर आपके खाते से किसी अनजान के बैंक खाते में गलती से या फिर जल्दबाजी में पैसे ट्रांसफर हो जाए तो आप पूरा पैसा वापस ले सकते है। जब आपका पैसा किसी गलत खाते में चला जाए तो सबसे पहले आपको तुरंत बैंक को सूचित करना चाहिए। बैंक में गलती से हुए ट्रांजेक्शन की पूरी जानकारी, समय, दिनांक, खाता नंबर और कितना पैमेंट ट्रांसफर हुआ है, सभी जानकारी दे। बैंक मेें सूचना के साथ निवेदन करें की पैसा गलती से चला गया है, इसलिए सामने वाले का खाता फ्रीज कर दें। ताकि सामने वाला अपने खाते से पैसा नहीं निकाल सके। ये सूचना अपना निवेदन पत्र दोनों बैंक में दें।
जिस बैंक से पैसा ट्रांसफर किया है और जिस खाते में पैसा गया है। इसके बाद आपका बैंक दूसरे वाले के बैंक से रिवर्सल एंट्री के लिए कहेगा और पैसा वापस खाते में दिलाने में आपकी मदद करेंगा। रिवर्सल करने के बाद बैंक सामने वाले को बुलाकर वेरीफाई करेगा और उससे नो ऑब्जेक्शन लेकर आपके खाते में पैसा वापस कर देगा। और अगर सामने वाला पैसा देने से इनकार कर देता है तो आप उसके खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज करा सकते है।
आरबीआई से करें शिकायत
ऐसे मामलों में अगर आपको मदद नहीं मिल रही हैं तो आप इसकी शिकायत आरबीआई से कर सकते है। इसके लिए आपको टोल फ्री नंबर 1448 पर शिकायत करना होगा। आप चाहे तो आरबीआई की बेवसाइट और ईमेल के जरिए भी शिकायत कर सकते है। इस प्रक्रिया में आपको ईमेल आईडी, फोन नंबर, आधार कार्ड औऱ जो शिकायत बैंक में की है उसकी कॉपी देनी होगी।
ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत में आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर डालना अनिवार्य है। साथ ही संक्षिप्त में कंप्लेंट भी लिखनी होती है। आप चाहते तो मानसिक शोषण से जुड़ा हर्जाने के लिए भी बोल सकते है। आरबीआई में शिकायत दर्ज करने के लिए आपको किसी भी प्रकार की फीस नहीं देनी होती है। शिकायत का निपटारा 30 दिनों के अंदर किया जाता है।