उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के एक सरकारी स्कूल (Uttarakhand Bageshwar District Government School) में कुछ छात्राएं अचानक रोने और चिल्लाने लगीं थी। इनमें कुछ बेहोश भी हो गई थीं। लोगों का मानना है कि ये कोई प्रेत बाधा थी।स्कूल प्रशासन ने एक पुजारी को बुलाकर स्थिति को नियंत्रण में किया था। ये घटना फेसबुक पर काफी वायरल हो रही है। स्थानीय लोग इसे भूत बाधा से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि साइकेट्रिस्ट का कहना है कि छात्राओं ने जो किया है ये एक सामान्य मानसिक डिसऑर्डर है। इसको Dissociative Disorder कहा जाता है।
बंसल न्यूज़ से बातचीत में बंसल अस्पताल के सीनियर मेन्टल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी (Health Expert Dr. Satyakant Trivedi) ने बताया कि उत्तराखंड के स्कूल में जो घटना हुई है वो कोई प्रेत बाधा नहीं है। ये Dissociative डिसऑर्डर है जो एक मेंटल डिसऑर्डर है। इस डिसऑर्डर में लोगों के व्यवहार में एकदम से बदलाव आ जाता है। उदाहरण के तौर पर नवरात्र में महिलाओं पर देवी का आ जाना, जबकि ऐसा नहीं होता। ये हिस्टीरिया की वजह से होता है। इसमें महिला की मानसिक स्थिति में कुछ देर के लिए परिवर्तन हो जाता है और वो किसी पुरानी घटना को याद करके ऐसा करने लगती है और अपने मन की व्यथा (suppressed thoughts) को बाहर निकालती है।
Dissociative Disorder का सबसे बड़ा कारण है मानसिक ट्रॉमा होता है। ये ट्रॉमा बचपन में होने वाला शारीरिक, मानसिक शोषण के कारण होता है। जब हिस्टीरिया होता है तो व्यक्ति को यह पता ही नहीं होता है कि वो क्या कर रहा है। वह उस दौरान अवचेतन अवस्था में होता है और किसी एक को ये मानसिक समस्या है तो ये हिस्टीरिया है और जब ग्रुप में ये घटनाएं होती है तो इसे मॉस हिस्टीरिया कहा जाता है। स्कूल के मामले में जब एक छात्रा को हिस्टीरिया का दौरा उठा तो उसे देखकर दूसरी छात्रा भी ऐसा करने लगी। इस स्थिति में एक को देखकर दूसरा भी कुछ पल के वैसा ही करने लगता है। (modeling) उचित संवाद और कॉउंसलिंग से सहायता मिलती है।