SHAMSHERA REVIEW: रणबीर कपूर ( Ranbir Kapoor ) की फिल्म शमशेरा( Shamshera) कोरोना के चलते करीब ढाई साल देरी से रिलीज हुई है . 150 करोड़ के भारी भरकम बजट वाली इस फिल्म ने देश मे 4350 और दुनियाभर में 5500 स्क्रीन पर रिलीज होकर अपनी काफी कमाई की है.
क्या है शमशेरा कि कहानी
यह फिल्म 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों के जमाने के एक काल्पनिक शहर काजा की कहानी कहती है। राजपूतों के दौर में उनके साथ मुगलों से लोहा ले चुके खमेरन जाति के लोग आसरे की तलाश में काजा पहुंचे, तो वहां के ऊंची जाति के लोगों ने स्वीकार नहीं किया। तब उनके सरदार शमशेरा (रणबीर कपूर) ने अपने साथियों के साथ मिल कर गुजर-बसर के लिए काजा में लूटपाट शुरू कर दी। काजा के लोगों ने अंग्रेजों के दरबार में खमेरन के खिलाफ गुहार लगाई। तब सरकार ने दरोगा शुद्ध सिंह (Sanjay Dutt) को भेजा, जो शमशेरा और उसके साथियों को धोखे से काजा के किले में गुलाम बना लेता है। अपने साथियों को आजाद कराने की कोशिश में शमशेरा अपनी जान दे देता है। उसके बाद कहानी 25 साल बाद से दोबारा शुरू होती है, जब शमशेरा का हूबहू अपने बाप की तरह दिखने वाला बेटा बल्ली (रणबीर कपूर) अपने बाप का सपना पूरा करने की खातिर मैदान में उतरता है। उसका सामना भी दरोगा शुद्ध सिंह से ही होता है। क्या बल्ली अपने बाप का खमेरन की आजादी का सपना पूरा कर पाता है? यह जानने के लिए आपको सिनेमा जाना होगा।
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