भोपाल। मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए एक बहुत अच्छी खबर आ रही है। जो बच्चे कोरोना के बाद से स्कूल नहीं जा पाए है उनके लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जो छात्रों की मैपिंग करेंगे और उनकी शिक्षा पूर्ण करने में मदद करेंगे जिससे की जो छात्र पढाई छोड़ चुके है उन्हें दोबारा स्कूल तक लाया जाए।
मध्यप्रदेश सरकार की पहल
संवारेंगे शाला त्यागी बच्चों का भविष्य➡️शाला त्यागी बच्चों की शिक्षा निरंतर रखने के निर्देश जारी
➡️बच्चे, जिनके अभिभावक में से कोई एक या दोनों की मृत्यु मार्च 2020 के बाद हुई है के संबंध में निर्देश जारी#SchoolEducationMP#JansamparkMP pic.twitter.com/ppemlN4BZr— School Education Department, MP (@schooledump) July 22, 2022
DEO को निर्देश जारी
राज्य सरकार ने उन बच्चों के लिए दिशा निर्देश जारी किये है जिनके अभिभावक में से कोई एक या दोनों की मृत्यु मार्च 2020 के बाद हुई है और वो अब स्कूल नहीं जा रहे है। शाला त्यागने वाले छात्रों में वो छात्र माने जाएंगे जो लगातार 30 दिनों से स्कूल नाही आ रहे है। नोडल अधिकारी शाला त्यागी विद्यार्थियों को स्कूल में वापसी की मुहीम में जुटने के निर्देश अब उन्हें मिल गए गए है। उनका प्रयास रहेगा छात्रों का वहीं पुनः प्रवेश दिलाने का प्रयास करेंगे जहाँ अभिभावक की मृत्यु के पहले वे पढ़ते थे। देखना होगा राज्य सरकार के इस आदेश के बाद कितने छात्र वापिस स्कूल में लौट पाएंगे।