BILASPUR: आज छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट का एक अलग ही मानवीय चेहरा देखने को मिला। पिता की मौत पर दाह संस्कार में शामिल होने को लेकर जेल में बंद कैदी की याचिका पर कोर्ट उठने के बाद दोबारा शाम पांच बजे जस्टिस रजनी दुबे ने कोर्ट लगाया और सुनवाई की। सुनवाई के बाद जस्टिस दुबे ने तत्काल कैदी को रिहा करने का आदेश दिया साथ ही तुरंत उसके अधिवक्ता को सर्टिफाइड कापी भी दिया गया। दरअसल यूपी के गाजियाबाद में रहने वाले अमितेश कीर्ति को ऑन लाइन ठगी के आरोप में धरमजय गढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया। 2 जुलाई 2022 से जेल में सजा काट रहे कैदी अमितेश कीर्ति तक जेल से आज सूचना मिली कि उसके पिता की मौत हो गई है। अमितेश भाइयों में बड़ा हैं और हिन्दू रीति रिवाजों के मुताबिक बड़ा बेटा ही पिता को मुखागनी देता है। जेल में बंद अमितेश ने अपने अधिवक्ता हरि अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाया। दोपहर की सुनवाई में कोर्ट ने केस डायरी तलब करने की सुनवाई की। इस बीच शाम हो गया और कोर्ट शाम 4:30 को उठ गया। अधिवक्ता हरि अग्रवाल ने रजिस्ट्री के पास जाकर निवेदन किया। रजिस्ट्री ने जस्टिस रजनी दुबे को अधिवक्ता के निवेदन से अवगत कराया। जस्टिस रजनी दुबे की कोर्ट ने एक अलग ही मानवीय चेहरा दिखाते हुए हुए शाम पांच बजे फिर से कोर्ट लगाया और सुनवाई की। सुनवाई के बाद कैदी अमितेश को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। अमितेश को पिता की अंतिम संस्कार समेत अन्य कार्यक्रम में शामिल होने एक महीने का बेल ग्रांट किया गया है। एक महीने बाद अमितेश कीर्ति को स्वयं सरेंडर करना होगा।
जानिए बिलासपुर हाई कोर्ट को CG HIGH COURT
–छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय भारत में नए उच्च न्यायालय में से एक है। इसकी स्थापना 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के तहत छत्तीसगढ़ के नव निर्मित राज्य के लिए एक अलग उच्च न्यायालय के रूप में की गई थी, जिसका अधिकार क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य के क्षेत्रों पर है।
-बिलासपुर का उच्च न्यायालय भारत का 19 वां उच्च न्यायालय है।
-उच्च न्यायालय का उद्घाटन न्यायमूर्ति बी.एन. कृपाल, न्यायाधीश , सर्वोच्च न्यायालय भारत द्वारा 1 नवंबर 2000 को अरुण जेटली, केंद्रीय कानून , न्याय और कंपनी मामलों के राज्य मंत्री , की उपस्थिति में हुई।
-यह नई इमारत बिलासपुर में बोदरी में स्थित है।
-न्यायालय में बाईस जजों की शक्ति को मंजूरी है।