RAIPUR: नक्सली हमलें में अदम्य साहस दिखाने के बावजूद ऑउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन नहीं मिलने से दुखी एसटीएफ के आरक्षक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है CG HIGH COURT NEWS:। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच ने शासन को संबंधित जिम्मेदार अधिकारी द्वारा शपथ पत्र के साथ जानकारी प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। बतादें की याचिकाकर्ता गौरी शंकर साहू 18 वीं बटालियन के आरक्षक सुकमा जिले के भेजी थाना में पदस्थ थें। 2018 में जंगल और पहाड़ी में हो रहे सड़क निर्माण में अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए विभिन्न बलों को वहां तैनात किया गया था। इस बीच अचानक ही चार सौ से पांच सौ हथियार से लैस वर्दीधारी नक्सली वहां पहुंच गए। बल ने हमला करने से मना किया पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। नक्सली फायरिंग में एक जवान रूपसिंह के कंधे में गोली लगी और दुसरी गोली मिट्टी के टीले में, मिट्टी के टीले के कण रूप सिंह के आंखों में चली गई,जिससे उसे दिखना बंद हो गया, रूपसिंह ने मदद के लिए पुकारा तब गौरी शंकर साहू ने नक्सलियों की तरफ फायरिंग कर रूपसिंह को कांधे में उठाकर सुरक्षित किनारे तक पहुंचाया। वहीं मोर्टार चला रहे दुसरे आरक्षक शिवराम के नक्सलियों द्वारा चलाई गई गोली पेट में लगी , उसे भी गौरी शंकर ने प्राथमिक उपचार देकर सुरक्षित किया। इस बीच गौरी शंकर ने जवाबी फायरिंग में कुल 32 राउंड फायरिंग भी किया। इसके बाद घायल जवानों को रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर में भर्ती कराया गया। गौरी शंकर साहू के अदम्य साहस से दोनों आरक्षक सुरक्षित हुए और दोनों ने गौरी शंकर साहू की रिपोर्ट विभाग को दी। इसके बावजूद पुलिस विभाग ने एक प्लाटून कमांडर और एक सब इंस्पेक्टर को ऑउट ऑफ़ टर्न दे दिया पर एसटीएफ के जवान को नहीं दिया। विभागों में कई आवेदन देने के बाद भी प्रमोशन नहीं मिलने से दुखी होकर गौरी शंकर साहू ने हाइकोर्ट की शरण ली है।CG HIGH COURT NEWS
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