नई दिल्ली। देवों के देव महादेव Sawan Month 2022 Start Date का महीना यानि सावन की शुरुआत (Shravan Month) कुछ ही दिनों में होने जा रही है। यदि आप भी इस दौरान भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं तो चलिए आप हम Sawan Month 2022 Start Date आपको बताने जा रहे हैं धर्म शास्त्र के अनुसार प्रभु की पूजा में किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए, कब-कब पड़ेंगे सावन के सोमवार, साथ ही सावन का महीना कब से शुरू हो रहा है।
इसलिए भगवान को प्रिय है सावन का महीना —
हर कोई सावन भगवान भोलनाथ की भक्ति के लिए सावन के महीने का इंतजार करता है। पर आखिर इस महीने में ऐसा क्या है कि ये भगवान को अति प्रिय है। तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें।
माता पार्वती ने की थी समस्या —
सावन महीने को इसलिए खास माना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इसी महीने में माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए तपस्या की थी। भगवान शिव की साधना करके उन्हें पाया था। इसलिए कुंवारी लड़कियां भगवान शिव का व्रत करके मनवांछित फल की प्राप्ति का वर मागती हैं।
क्या आप जानते हैं श्रावण का मंगलवार भी होता है खास —
- ऐसा माना जाता है कि श्रावण मास में न सिर्फ भगवान शिव को समर्पित है बल्कि सोमवार के अलावा मंगलवार के दिन माता गौरी की पूजा करने का बहुत ज्यादा महत्व है।
- श्रावण मास में ही समुद्र मंथन हुआ था। इसमें से निकले हलाहल विष को ही पीकर भगवान शिव ने पीकर अपने कंठ में समाहित कर लिया था। इसी के बाद से उनका कंठ नीला होने के कारण उसे नीलकंठ कहते हैं।
- ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव द्वारा किए गए विषपान के बाद विष के असर को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें तरावट के लिए जल अर्पित किया था।
- तभी से इस महीनें से भगवान शिव को जल अर्पित करने की परंपरा शुरू हुई है। साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि श्रावण मास में भगवान शिव को जल चढ़ाने से शिव साधक सभी तरह की परेशानियां और कष्ट दूर होकर मनोकामना पूरी होती है।
- एक दूसरी कथा के अनुसार मरकंडू ऋषि के पुत्र मार्कंडेय ने लंबी आयु के लिए इसी महीने में कड़ी तपस्या की थी। जिसके कारण उन्हें भगवान शिव से आशीर्वाद मिला था। उसी समय ये श्रृद्धालु लंबी आयु, आरोग्य और सौभाग्य को प्राप्ति के लिए शिव की आराधना करते हैं।
भगवान गए थे ससुराल —
इस महीने की मान्यता को लेकर एक कथा ये भी है कि भगवान शिव इसी महीने में अवतरित हुए थे और अपने ससुराल गए थे। उनके ससुराल आगमन पर उनका स्वागत अर्घ्य और जल से हुआ था। यही कारण है कि भगवान शिव की कृपा पाने के लिए श्रावण मास सबसे उत्तम समय माना गया है।
भगवान शिव पर आ जाता है दायित्व —
एक अन्य मान्यता अनुसार देवशयनि एकादशी से भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान सृष्टि संचालन का दायित्व भगवान शिव पर होता है। इसलिए ये महीना उनके लिए खास माना जाता है।
कब-कब पड़ेगा श्रावण सोमवार का व्रत –
आपको बता दें श्रावण मास में औढरदानी भगवान शिव की पूजा तो कोई भी की जा सकती है लेकिन इस दौरान आने वाले सोमवार के दिन के पूजन के लिए विशेष विधि-विधान की जरूरत होती है।
आइए जानते हैं कि शिव कृपा बरसाने वाले श्रावण सोमवार कब-कब पड़ेंगे।
पहला श्रावण सोमवार व्रत – 18 जुलाई 2022
दूसरा श्रावण सोमवार व्रत – 25 जुलाई 2022
तीसरा श्रावण सोमवार व्रत – 01 अगस्त 2022
चौथा श्रावण सोमवार व्रत – 08 अगस्त 2022
पांचवां श्रावण सोमवार व्रत – 12 अगस्त 2022
श्रावण सोमवार व्रत की विधि —
- सावन के महीने पड़ने वाले (Bhagwan Shiv) सोमवार के व्रत के लिए सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद दाहिने हाथ में जल लेकर श्रावण सोमवार के व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद सभी देवी-देवताओं का ध्यान करने के बाद भगवान शिव को गंगा जल से स्नान कराएं।
- ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए विधि-विधान से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।
- यदि रुद्राभिषेक न कर पाएं तो श्रद्धा और विश्वास के साथ गंगाजल और बेलपत्र जरूर चढ़ाएं।
कब पड़ेगी शिवरात्रि —
आपको बता दे इस साल महा शिवरात्रि 26 जुलाई 2022 को आ रही है। इस दौरान शिवरात्रि पर विधि-विधान से भगवान शिव की चार प्रहर की साधना-आराधना करना बेहद जरूरी होता है। साथ ही यदि आप इस दिन रुद्राभिषेक करते हैं तो इससे आपकी (Lord Shiva), मनोकामना जल्दी पूरी होती है। अगर आप भी इस व्रत का फल पाना चाहते हैं तो इस दिन शिवलिंग पर पंच गत्व से महाभिषेक (Shravan Month) करना चाहिए। दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र, बेल का फल, धतूरा, रुद्राक्ष, मिठाई, आदि अर्पित करके भगवान शिव के मंत्र का जाप अवश्य रूप से करें।
महा शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त —
महा शिवरात्रि : 26 जुलाई 2022
चतुर्थी तिथि 06:45 बजे से शुरू
समाप्ति : 27 जुलाई 2022 को 09:10 बजे
शिवरात्रि पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त —
शिवरात्रि के महापर्व पर भगवान शिव को (Astrology) जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त 26 जुलाई 2022 को सायंकाल 07:23 बजे से प्रारंभ होकर 09:27 मिनट तक रहेगा।
नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य सूचनाओं पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने के पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।