FASTag Scam : सोशल मीडिया आज के समय में एक जरूरत सा बना गया है। समाचार से लेकर देश में होने वाली गतिविधियां, जानकारियों के लिए इंटरनेट बेहद अहम हिस्सा है। लेकिन इंटरनेट के माध्यम से फर्जी जानकारियां और गलत खबरें आसानी से फैलाई जाने लगी हैं। ऐसी जानकारियों के चलते लोग फंस कर कंगाल हो जाते है। ऐसी ही एक जानकारी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि एक घड़ी के माध्यम से आपके फास्टैग को स्कैन (FASTag Scam) करके अकाउंट खाली किया जा रहा है। आज हम आपको इस वायरल वीडियों की सच्चाई के बारे में बताने जा रहे है।
Please note that there are baseless and false videos circulating on Social media. Do understand the below points:
1. No transactions can be executed through open internet connectivity. pic.twitter.com/yTcNGt8R0c
— NPCI (@NPCI_NPCI) June 25, 2022
दरअसल, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियों को लेकर दावा किया जा रहा है कि घड़ी जैसी दिखने वाली एक डिवाइस से आपका फास्टैग हैक (FASTag Scam) किया जा सकता है। वीडियो में सड़क पर खड़ी एक गाड़ी को एक छोटा बच्चा साफ कर रहा है। बच्चा अपने हाथ में स्मार्टवॉच जैसी एक डिवाइस को फास्टैग को स्कैन (FASTag Scam) कर लेता है। वीडियों में दावा किया जा रहा है कि बच्चे ने अपनी घड़ी से कार में लगे फास्टैग को स्कैन (FASTag Scam) करके अकाउंट से पैसे निकाल लिए है। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि ऐसी डिवाइस से आपका फास्टैग हैक (FASTag Scam) हो सकता है और अगर आपने अपने किसी ई-वॉलेट से फास्टैग (FASTag Scam) को लिंक कर रखा है, तो बड़ी ही आसानी से आपका अकाउंट खाली किया जा सकता है।
क्या है वीडियो की सच्चाई
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो वायरल को लेकर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने स्पष्टीकरण दिया है। एनपीसीआई ने कहा कि यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी है। किसी भी ओपेन इंटरनेट के जरिए इस तरह का फास्टैग ट्रांजैक्शन (FASTag Scam) नहीं किया जा सकता है। घड़ी जैसी दिखने वाले डिवाइस से फर्जीवाड़ा (FASTag Scam) करना आसान नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि फास्टैग (FASTag Scam) के पेमेंट के लिए हर टोल प्लाजा का एक यूनिक कोड होता है, जिसकी मैपिंग किसी पर्टिकुलर बैंक और जियो कोड से की जाती है। इसलिए फर्जी ट्रांजैक्शन (FASTag Scam) होना बिल्कुल भी संभव नहीं है।