Shiv Temple For Lovers : दुनिया में भारत की पहचान अपनी धार्मिक संस्कृति को लेकर जानी जाती है। भारत में ऐसे कई मंदिर है जो रहस्य से भरे है। तो कई ऐसे भी धार्मिक स्थल हैं जो अपनी अलग विशेषता को लेकर जाने जाते है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर (Shiv Temple For Lovers) के बारे में बताने जा रहे है जो प्रेमी जोड़ों के लिए है। जी हां हिमाचल प्रदेश में स्थित एक शिव मंदिर (Shiv Temple For Lovers) है जो विशेष रूप से प्रेमियों के लिए है। इस मंदिर में आने वाले प्रेमी जोड़े (Shiv Temple For Lovers) के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद के साथ साथ गांव के लोगों की भी मदद मिलती है।
भगवान शिव (Shiv Temple For Lovers) का यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के शांगढ़ गांव में बना हुआ है। इस मंदिर को शंगचूल महादेव मंदिर (Shiv Temple For Lovers) के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में घर से भागे प्रेमी जोड़ों को पनाह मिलती है। देशभर से इस शिव मंदिर (Shiv Temple For Lovers) में प्रेमी जोड़े घर से भागकर पहुंचते है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव (Shiv Temple For Lovers) जी खुद प्रेमी जोड़ों की रक्षा करते है। वही गांव के लोग प्रेमी जोड़े का स्वागत करते हैं और उनकी रक्षा करते हैं। खास बात यह है कि इस मंदिर (Shiv Temple For Lovers) में जाति धर्म नहीं देखा जाता है। मंदिर समिति प्रेमी जोड़ों का उनके रीति रिवाज से शादी करा देते है। इस मामले में स्थानिय पुलिस भी कोई दखलअंदाज़ी नहीं करती है।
करना पड़ता है इन नियमों का पालन
यह मंदिर भले ही प्रेमी जोड़ों (Shiv Temple For Lovers) के लिए है, लेकिन मंदिर के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है। मंदिर में शराब और सिगरेट का सेवन नहीं कर सकता है। चमड़े का कोई भी सामान नहीं ले जा सकते है। मंदिर में कोई भी चाहे प्रेमी जोड़ा हो वह मंदिर में घोड़ा नहीं ला सकता है। मंदिर में आप तेज़ आवाज़ में बात भी नहीं कर सकते है। शादी करने वाले प्रेमी तब तक यहां रह सकते हैं जब तक प्रेमियों के दोनों तरफ के परिवारों के बीच सुलह नहीं हो जाती।
मंदिर का इतिहास
मंदिर (Shiv Temple For Lovers) के इतिहास की बात करें तो कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांड़व यहां रूके थे। कौरव पांडवों का पीछा करते हुए यहां तक पहुंच गए। तब शंगचुल महादेव ने कौरवों को रोका और कहा कि ये मेरा क्षेत्र है और जो भी मेरी शरण में आएगा उसका कोई कुछ बिगाड़ सकता। महादेव के डर से कौरव वापस लौट गए। तब से लेकर आज तक, कोई भी इंसान या प्रेमी जोड़ा यहां शरण लेने के लिए पहुंचता है, तो उसकी रक्षा स्वयं भगवान करते हैं।