MP Tribe That Drinks Pigs Blood : भारत में ऐसी कई जनजातियां हैं जिनके बारे में शायद की कम लोगों को पता है। इन जनजातियों के रीति रिवाज और उनके नियम कुछ अलग ही होते है। हालांकि देश में कुछ जनजातियों (Indian Tribe That Drinks Pigs Blood) ऐसी हैं जिनके बारे में हमे पता हैं लेकिन कुछ ऐसी भी है जिनके बार में ज्यादातर लोगों को कम जानकारी है। ऐसी जनजातिया सरकार की योजनाओं से वंचित रहती है। जिन जनजातियों के बारे में हम जानते है, उससे जुड़ी कई रोचक जानकारियां है इन जनजातियों के खानपान, परम्पराएं अन्य जातियों से काफी अलग होती है। आज हम आपको एक ऐसी ही जनजाति (Indian Tribe That Drinks Pigs Blood) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपनी अजीबोगरीब परंपरा के लिए जाने जाते हैं।
हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में रहने वाली गोंड जनजाति के बारे में। इस जनजाति की ऐसी कई परंपराएं हैं जो हमे काफी अलग बनाती है। इस जनजाति का रहन सहन उनकी शादियों में कई प्रथाएं हैं जिन्हें जानकर आप हैरान रह जांएगे। इस जनजाति के शादी-ब्याह के दौरान एक परंपरा (Indian Tribe That Drinks Pigs Blood) मानी जाती है। जो आपको शायद डरा कर रख दे।
शादी में पिया जाता है सूअर का खून (Indian Tribe That Drinks Pigs Blood)
भारत के हर समुदाय की ही तरह गोंड जनजाति में भी शादी को ख़ास माना जाता है। शादी के दौरान हर समुदाय और गोंड जनजाति (Indian Tribe That Drinks Pigs Blood) की शादी में उत्सव जैसा माहौल होता है। लोग जमकर नाच-गाना करते हैं। लेकिन गोंड जनजाति में एक रिवाज कुख अलग है इसमें सूअर के खून को पीना. जी हां, अगर इस समुदाय में कोई लड़का खुद को शादी के योग्य जताना चाहता है तो उसे सूअर के खून (Indian Tribe That Drinks Pigs Blood) को पीकर इस बात को साबित करना होगा। इसके अलावा इस समुदाय में लव मैरिज की इजाजत होती है। लेकिन लड़की से शादी करने से पहले लड़के को अपने होने वाले ससुर के खेतों में काम करना पड़ता है। जब पिता को लगता है कि लड़का मेहनती है तब ही शादी करवाई जाती है।
गोंड जनजाति का रहन-सहन
गोंड जनजाति (Indian Tribe That Drinks Pigs Blood) के लोग अन्य जनजातियों की तरह साधारण जीवन-यापन करते हैं। ऐसे लोग ईमानदार होते है। साथ ही इस जाति के लोगों को काफी पराक्रमी मातना जाता है। गोंड जाति के लोग भोजन के लिए ये खेती पर निर्भर होते है। इसके अलावा ये जाति शिकार करके भी अपना पेट भरती है। इनका मुख्य भोजन मछली और मांस होता है। ये जंगलों में रहंते हैं और इनके घर ज्यादातर मिट्टी और घास-फूस के बने होते हैं। गोंड जनजाति की महिलाएं घुटने तक साड़ियां पहनती है।