(international yoga day 2022) : बाल मन आज बहुत से तनावों से जूझ रहा है । उसे अपनी कक्षा में ज्यादा अंक लाने का दबाव है ,मित्रों से तुलना झेलनी है ,परिवार में चल रहे अंतरद्वंद का भी सामना उसे करना है। विकसित देशों में स्कूली छात्रों द्वारा हिंसा की बड़ी घटनाएं भी आए दिन होती रहती हैं । शोध की बात की जाए तो अधिकांश मानसिक रोगों की शुरुआत 10 से 15 वर्ष की आयु में ही हो जाती है । इन बातों से हम समझ सकते हैं कि हमें (परिवार ,समाज,शासन ) इस उम्र के बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना कितना जरूरी है। मैं इस आलेख के माध्यम से योग से मानसिक स्वास्थ्य,शारीरिक स्वास्थ्य और व्यक्तित्व विकास पर पड़ने वाले प्रभावों पर बातें करूंगा ।
विभिन्न शोध पत्र यह कहते हैं कि स्कूली बच्चों में योग (international yoga day 2022) के अभ्यास से उनमें भावनात्मक समन्वय ,तनाव प्रबंधन में दक्षता ,ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृद्धि ,नकारात्मक व्यवहार में कमी जैसे बदलाव आते हैं । योग के लगातार अभ्यास से कॉर्टिसॉल जैसे रसायनों में संतुलन आता है । संवहन एवं श्वसन तंत्र में भी उपयोगी परिवर्तन आने लगते हैं । व्यापक रूप से बात करें तो योग (international yoga day 2022) से स्कूली छात्रों में तीन मुख्य प्रभाव देखे जा सकते हैं –आत्म नियंत्रण ,मन और शरीर में समन्वय ,शारीरिक तंदरुस्ती। मन और शरीर में समन्वय से मेरा आशय है जब हम अपने भावों,सोच ,शारीरिक गतिविधियों के प्रति चेतनाशील हो जाते हैं । यह चेतना न केवल बच्चों में व्यक्तित्व विकास की नींव रखती है और हमारी आगे आने वाली पीढ़ी को आनंद की अनुभूति करने की दक्षता भी सिखाती है। आत्म नियंत्रण से बच्चे अपने आवेश क्रोध और व्यवहार को बेहतर ढंग से नियंत्रित कर सकते हैं । योग (international yoga day 2022) के लगातार अभ्यास से हमारी वैगस क्रेनियल तांत्रिका की कार्य क्षमता संतुलित होती है। मन तनाव प्रबंधन में और दक्ष होता जाता है ।
योग (international yoga day 2022) के शारीरिक प्रभावों की बात करें तो शारीरिक चाल ढाल नियंत्रित होने के साथ ही साथ संतुलित वजन ,रक्तचाप ,श्वसन दर ,कोलेस्टेरॉल स्तर,हृदय गति भी नियंत्रित होती हैं । शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव हमें मानसिक रूप से भी सुदृढ रखता है। योग (international yoga day 2022) के अभ्यास में स्कूल बड़ी भूमिका निभा सकते हैं । व्यक्तित्व निर्माण के वर्षों से ही बच्चे अगर इसे अपने पाठ्यक्रम में पढ़कर इसका अभ्यास करेंगें तो न केवल उनका स्वास्थ्य बल्कि देश को आगे चलाने वाली नई पीढ़ी भी शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ मिलेगी। सरकारों द्वारा लिया योग (international yoga day 2022) को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाने का निर्णय प्रशंसनीय है ।
डॉ सत्यकांत त्रिवेदी
(लेखक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक और राज्य चिकित्सा हिंदी प्रकोष्ठ के सदस्य हैं)