नई दिल्ली। पंचक एक ऐसा काल Mrityu Panchak 2022 होता है जब कुछ विशेष कामों की panchak 2022 मनाही होती है। ऐसे में यदि astrology news मृत्यु पंचक आ जाए तो इसे सबसे खतरनाक bansal dharam news माना जाता है। आपको बता दें ये मृत्यु पंचक शनिवार यानि 18 जून से शुरू हो चुके हैं। जो 23 जून तक चलेंगे। गौर तलक है पंचक पांच दिन के होते हैं इस दौरान शुभ कामों की मनाही होती है। कोई भी शुभ काम हो, उसे करने से पहले हम मुहूर्त जरूर देखते हैं। हिन्दू धर्म में पंचक का भी बहुत महत्व है। इसलिए इस दौरान आपको कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए।
सबसे अशुभ माने जाते हैं मृत्यु पंचक —
आपको बता दें वैसे तो सभी पंचक अशुभ होते हैं लेकिन जिस महीने का पंचक शनिवार से शुरू होता है उस महीने ये मृत्यु पंचक होता है। इन्हें सबसे ज्यादा अशुभ पंचक माना जाता है। आपको बता दें इस दौरान बहुत ज्यादा सावधानी रखने की आवश्यकता होती है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस बार 18 जून से ये मृत्यु पंचक शुरू होकर 23 जून तक चलेंगे। इस दौरान शुभ कार्य करने और खरीदारी की मनाही है। साथ ही सेहत का भी विशेष ध्यान रखना होगा।
पंचक से जुड़े जरूरी नियम –
पंचक के समय लकड़ी या फिर लकड़ी से बने सामान को खरीदना या घर पर बनवाना नहीं चाहिए।
पंचक में चारपाई बुनवाने और घर की छत ढलवाने की भी विशेष रूप से मनाही है।
पंचक के दौरान यदि बहुत जरूरी न हो तो दक्षिण दिशा की यात्रा भूलकर नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, दक्षिण को यम की दिशा माना गया है।
इसी प्रकार पंचक के समय घर की पेंटिंग का कार्य नहीं शुरु करना चाहिए।
यदि ये कार्य करवाने हों तो आप पंचांग की मदद से पंचक की जानकारी लेकर आगे–पीछे करवा सकते हैं।
पंचक के दौरान किसी परिजन की मृत्यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार खास विधि से करना चाहिए। उसके साथ 4 मोतिचूर के लड्डू या नारियल रख देना चाहिए। इससे परिवार का संकट टल जाता है।
आखिर क्या होते हैं पंचक —
ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों को अत्यंत अशुभ मानते हुए उसमें कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है। ज्योतिष के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती समेत पांच नक्षत्रों की युति अत्यंत ही अशुभ मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा को गोचर पंचक कहलाता है। ऐसा माना जाता है कि पंचकों में घर के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार को भी मृत्यु तुल्य कष्ट को भोगना पड़ता है। रावण की मृत्यु भी पंचक काल में हुई थी। मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक में हो जाए तो उसके खानदान के 5 सदस्यों की या तो मृत्यु हो जाती है या उन्हें मृत्यु जैसा कष्ट भुगतना पड़ता है। ज्योतिष पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
मृत्यु पंचक : जून 2022
18 जून से 23 जून 2022
साल 2022 के पंचक
जुलाई 2022- 15 जुलाई, शुक्रवार से 20 जुलाई, बुधवार तक
अगस्त 2022- 12 अगस्त, शुक्रवार से 16 अगस्त, मंगलवार तक
सितंबर 2022- 9 सितंबर, शुक्रवार से 13 सितंबर, मंगलवार तक
अक्टूबर 2022- 6 अक्टूबर, गुरुवार से 10 अक्टूबर, सोमवार तक
नवंबर 2022- 2 नवंबर, बुधवार से 6 नवंबर, रविवार तक
दिसंबर 2022- 26 दिसंबर, सोमवार से 31 दिसंबर, शनिवार तक
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।