BANKING NEWS: पॉलिसी का बॉन्ड एक तरह से इंश्योरेंस की पूरी गारंटी होता है। इसमें आपकी पॉलिसी से जुड़ी हर जानकारी के साथ आपकी वैधता से संबंधित हर जानकारी होती है।अगर आपने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (Life Insurance Policy) ली है, तो आपको पता होगा कि उसके साथ एक बॉन्ड पेपर मिलता है। यह हार्ड कॉपी होती है जो कंपनी घर के पते पर भेजती है। यही है इंश्योरेंस पॉलिसी बॉन्ड । इस बॉन्ड पेपर के पहले पेज पर सभी जानकारी होती है। जैसे आपका नाम, पॉलिसी का नाम, पॉलिसी का प्रीमियम, मैच्योरिटी की तारीख, नॉमिनी का नाम आदि।इसे अच्छी तरह संभाल के रखना चाहिए क्योंकि बाद में जब आप इंश्योरेंस क्लेम करने चलेंगे, तो यही बॉन्ड पेपर काम आएगा। इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) की कंपनी आपसे छूटते ही बॉन्ड पेपर की मांग करेगी। अब मान लें किसी कारणवश बॉन्ड का ओरिजिनल पेपर गुम हो जाए, तो क्या करेंगे। आइए इसका उपाय जानते हैं।PAPERS FORGET SOLUTIONS
क्या-क्या करें उपाय-PAPERS FORGET SOLUTIONS
-सबसे पहले तो आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी को खबर करनी चाहिए। इंश्योरेंस कंपनी को इत्तला करें कि फलां पॉलिसी का बॉन्ड पेपर गुम हो गया है।
-सीधे कंपनी में संपर्क नहीं कर सकते, तो उस एजेंट को पकड़ें जिसने आपसे पॉलिसी बेची थी।
-इस काम के पहले पुलिस थाने में एक प्राथमिकी यानी कि एफआईआर डाल दें कि फलां नाम से एक पॉलिसी का बॉन्ड गायब हो गया है। एफआईआर की कॉपी अपने पास रखें।
-किसी अखबार में इश्तहार भी दे दें कि फलां नाम से पॉलिसी का एक कागज गायब हो गया है। किसी महानुभाव को मिले तो कृपया इस पते पर भिजवा दें।
-इस इश्तहार की कतरन और एफआईआर की फोटो कॉपी लगाकर एक आवेदन पॉलिसी वाली कंपनी को दे दें।
-आवेदन में लिखें कि मुझे पॉलिसी का डुप्लीकेट बॉन्ड जारी कर दिया जाए।
करने होंगे तीन काम-PAPERS FORGET SOLUTIONS
ये बात जान लें कि कंपनी आपको इतनी आसानी से डुप्लीकेट बॉन्ड पेपर नहीं देगी। इससे पहले आपसे कुछ कागजी जरूरतें पूरी करने को कहेगी। जिसमें से मुख्य है थाने में दर्ज एफआईआर दूसरा, किसी दैनिक हिंदी, अंग्रेजी या स्थानीय भाषा के अखबार में इश्तहार निकालना होगा। तीसरा, आपके इनडेमनिटी बॉन्ड भरकर कंपनी को देना होगा। इसे हिंदी में क्षतिपूर्ति बॉन्ड पेपर कहते हैं। दरअसल, इस बॉन्ड पेपर पर स्टांप और मोहर सहित यह लिखा जाता है कि आवेदक द्वारा दी गई जानकारी सही है और आवेदक का बॉन्ड पेपर गायब हो गया है।
इनडेमनिटी बॉन्ड पर आवेदक हस्ताक्षर करता है और वादा करता है। बाद में अगर कोई व्यक्ति ओरिजिनल बॉन्ड पेपर लेकर इंश्योरेंस कंपनी में पहुंच जाए और बोले कि वही पॉलिसी का असली हकदार है तो आवेदक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान PAPERS FORGET SOLUTIONS
-पॉलिसी का ओरिजिनल बॉन्ड पेपर जहां भी रखें, अपने नॉमिनी को उसकी जानकारी जरूर दें। दुर्भाग्यवश पॉलिसीहोल्डर इस दुनिया में न रहे तो कम से कम नॉमिनी उस पॉलिसी को क्लेम कर सकता है। क्लेम तभी होगा जब नॉमिनी के हाथ में बॉन्ड पेपर होगा। उसका कागज सुरक्षित रखें और नॉमिनी की नजर में सहेजें।
-पॉलिसीहोल्डर ने अगर नॉमिनी की जानकारी के बगैर डुप्लीकेट बॉन्ड पेपर बनवाया है, तो इसकी जानकारी भी नॉमिनी को जरूर दी जानी चाहिए। डुप्लीकेट बॉन्ड पेपर पर ऊपर ही डुप्लीकेट कॉपी लिखा होता है। इसलिए नॉमिनी इसके कानूनी दांवपेच से आगाह रहे कि बाद में पॉलिसी का पैसा भुनाने के लिए क्या करना होगा।
-इन बातों का ध्यान रखें तो किसी आपात स्थिति में मदद से वंचित नहीं होंगे। किसी बड़े नुकसान से बच जाएंगे। पॉलिसी का काम भी सार्थक होगा अगर उसे सही समय पर क्लेम करा लिया जाए। अगर बिगड़े वक्त में पॉलिसी क्लेम न हो और हाथ में पैसे न आएं तो उस पॉलिसी का क्या लाभ।