RAIPUR: समूचे प्रदेश सहित बलरामपुर जिले में भी मनरेगा कर्मी नियमितीकरण समेत 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे हुए है..जिससे मनरेगा का कार्य ठप्प पड़ गया है..यही नही मनरेगा कर्मी प्रदेश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए ..अपनी मांगों को मनवाने हर दिन नयी-नयी रणनीति बना रहे है..हालांकि कल राज्य सरकार ने 21 मनरेगा के सहायक परियोजना अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है ..बावजूद इसके मनरेगा कर्मी पीछे हटने का नाम नही ले रही है..तो वही विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है!..
दरअसल प्रदेश में नियमितीकरण को लेकर मनरेगा कर्मी 60 दिन से अधिक समय बीत जाने पर भी हड़ताल पर है..मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से गाँवो में मनरेगा से होने वाले विकास कार्य ठप्प पड़ गए है..तो वही दूसरी ओर मनरेगा कर्मियों का आरोप है..सत्ताधारी दल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक जो नियमितीकरण की घोषणा की है..उसपर अबतक अमल नही किया है..वहीं रोजगार सहायकों की माने तो गांव में मनरेगा से स्वीकृत कार्य नही होने से ग्रामीण श्रमिक पलायन करने पर मजबूर है..
राज्य सरकार ने कल हड़ताल में डटे 21 सहायक परियोजना अधिकारियों को एक माह का वेतन देकर उन्हें बर्खास्त कर दिया है..बावजूद इसके मनरेगा कर्मी अब भी हड़ताल पर डटे हुए है..और आगामी दिनों के लिए वृहद आंदोलन की प्लानिंग कर रहे है..मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर होने के मुद्दे को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है..पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है ..की साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मनरेगा कर्मियों के मंच पर जा कर उन्हें नियमित करने जैसी मांगो को अपने चुनावी घोषणा पत्र शामिल कर चुनाव लड़ा था..और जब जीत का सेहरा कांग्रेस के सर बंध गया तो.अब प्रदेश सरकार मनरेगा कर्मियों के साथ छलावा कर रही है!