Wild Poliovirus: दुनियाभर में कोरोनावायरस ने जहां त्रासदी मचा दी थी वहीं मंकी वायरस (Monkey Virus) के कहर के साथ अब इस नए वायरस की भी एंट्री हो गई है जहां पर इसका नाम वाइल्ड पोलियोवायरस (Wild Poliovirus) बताया जा रहा। जिसका पहला मामला मोजांबिक में लगभग तीन दशक बाद हुई है।
WHO ने बताया चिंताजनक
आपको बताते चलें कि, इस साल मलावी में इसका प्रसार होने के बाद दक्षिणी अफ्रीका में यह वाइल्ड पोलियोवायरस का दूसरा इंपोर्टेड नया मामला बताया जा रहा है। जिस पर चिंता जताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मात्शिदिसो मोएती का कहना है कि नए मामले की पुष्टि बहुत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि यह वायरस कितना खतरनाक है और यह कितनी तेजी से फैल सकता है। इसके अलावा बताया कि, मोजांबिक में मिला वाइल्ड पोलियो का यह नया मामला पोलियोवायरस टाइप 1 का है और यह इस स्थिति को प्रभावित नहीं करता है क्यों कि यह एक इंपोर्टेड स्ट्रेन प्रतीत होता है।
जानें क्या होते पोलियोवायरस
इस वायरस की बात की जाए तो यह दुनिया में पहले से मौजूद वायरसों में से एक है जहां पर यह एक बेहद संक्रामक बीमारी है। यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (यूएससीडीसी) के अनुसार यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल में होता है और इसलिए मलत्याग करने के बाद अगर वे हाथ नहीं धोते हैं तो दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे में बहुत तेजी से फैलता है। इसके अलावा इस वायरस संक्रमित बच्चों में पैरालिसिस की समस्या उत्पन्न कर सकता है और उन्हें अपंग बना सकता है। वहीं, कुछ मामलों में तो यह जान के लिए भी घातक हो सकता है। अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। बल्कि इस वायरस को जड़ से मिटाने के लिए टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है।
जानें क्या होते है इसके लक्षण
इस वायरस के लक्षणों की बात की जाए तो, इनमें गले में खराश, थकान, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द और पेट में दर्द जैसे लक्षण शामिल हैं। ये लक्षण दो से पांच दिन रहते हैं।1000 मरीजों में से एक से पांच में गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं जो दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करते हैं। भारत में पोलियो की स्थिति को लेकर बात की जाए तो, जनवरी 2014 में पोलियोमुक्त घोषित कर दिया गया था। लेकिन फिर भी इसकी सक्रियता बढ़ी हुई है।