नई दिल्ली। Sheena Bora Murder Case उच्चतम न्यायालय ने इंद्राणी मुखर्जी को उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में बुधवार को जमानत दे दी। वह मामले में मुख्य आरोपी हैं। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है।
पीठ ने कहा, ‘‘ याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने अपनी बेटी के राहुल मुखर्जी के साथ प्रेम संबंध होने के कारण उसकी हत्या की साजिश रची। राहुल पीटर मुखर्जी और उनकी पूर्व पत्नी के बेटे हैं।’’उसने कहा, ‘‘ हम याचिका के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। अगर अभियोजन पक्ष 50 प्रतिशत गवाह भी पेश कर देता है, तो भी मुकदमा जल्द खत्म नहीं होगा। निचली अदालत के संतुष्ट होने पर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाएगा। पीटर मुखर्जी पर लागू की गईं शर्तें उन पर भी लागू होंगी।’’ इंद्राणी मुखर्जी अगस्त 2015 में गिरफ्तारी के बाद से मुंबई के भायखला महिला कारागार में बंद हैं। इंद्राणी मुखर्जी की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए।
रोहतगी ने कहा कि मुकदमे पर सुनवाई जल्द पूरी नहीं होने वाली है, क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में गवाहों से जिरह की जानी बाकी है। शीना बोरा की हत्या के मामले की सुनवाई कर रही केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत कई बार इंद्राणी की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। गौरतलब है कि मुखर्जी, उसके चालक श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने अप्रैल 2012 में एक कार में शीना बोरा (24) की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी। उसका शव महारष्ट्र के रायगढ़ जिले के एक जंगल में जला दिया गया था। इस साजिश का हिस्सा होने के आरोप में पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया था। उन्हें फरवरी 2020 में उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। हालांकि जेल में बंद रहने के दौरान ही उन्होंने इंद्राणी मुखर्जी से तलाक ले लिया था।