नई दिल्ली। DC On Marital Rape दिल्ली के उच्च न्यायालय में इस वक्त का बड़ा फैसला दो जजों की अलग-अलग रायों पर अटक गया है जहां पर मैरिटल रेप को लेकर आज बुधवार दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी जिस दौरान इस मामले के अलग दायरे निकल कर बाहर आए है।
आज की सुनवाई में बदली राय
आपको बताते चलें कि, आज दिल्ली के हाईकोर्ट में दो जजों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है जिसमें कहा कि, हाईकोर्ट के जस्टिस शकधर ने कहा IPC की धारा 375, संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है तो वही एक अन्य जस्टिस सी हरिशंकर ने कहा कि मैरिटल रेप को किसी कानून का उल्लंघन नहीं माना जा सकता। बेंच ने याचिका लगाने वालों से कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि, इस मामले पर याचिका बीते फरवरी में दायर की गई थी। जिसमें कोर्ट ने NGO आरआईटी फाउंडेशन, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन और दो व्यक्तियों द्वारा 2015 में दायर की गई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की थी। जिस समय फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
Two judges Bench of Delhi HC pronounce split verdict on criminalising marital rape. Justice Rajiv Shakdher rules in favour of criminalising while Justice Hari Shankar disagrees -holds that Exception 2 to Sec 375 doesn’t violate Constitution as it’s based on intelligible different pic.twitter.com/B5NgqVGZ6s
— ANI (@ANI) May 11, 2022
जानें क्यों चर्चा में आया मैरिटल रेप
आपको बताते चलें कि, दिल्ली हाईकोर्ट में इस मैरिटल रेप मामले पर सुनवाई चल रही है जहां पर इसमे कहा गया कि, IPC की धारा 375 का अपवाद 2 मैरिटल रेप को अपराध से मुक्त रखता है। यह कहता है कि पति का पत्नी के साथ संबंध बनाना रेप नहीं है। वही इधर कहा गया कि, विवाहित और अविवाहित महिलाओं के सम्मान में अंतर नहीं किया जा सकता और कोई महिला विवाहित हो या न हो, उसे असहमति से बनाए जाने वाले यौन संबंध को ‘ना’ कहने का अधिकार है। कहा गया कि, पत्नी की मर्जी के खिलाफ यदि शारीरिक संबंध स्थापित किए जाते है तो इसे मैरिटल रेप की श्रेणी में रखा जाता है।