SATNA: मध्य प्रदेश सिविल जज के परिणाम जारी हो चुके हैं। सतना जिले के अमरपाटन के रहने वाले शिवाकांत कुशवाहा ने ओबीसी वर्ग में द्वितीय स्थान पाया है। वे चार बार सिविल जज की परीक्षा में बैठे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली। पांचवीं बार में सफलता हाथ लगी। मजदूर पिता का बेटा शिवाकांत सब्जी का ठेला भी लगाता है साथ ही पढ़ाई भी करता था।SATNA MAJDOOR BOY BECOME CJ
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माँ के सपने को पूरा करने बना बेटा जज सब्जी बेच की पढ़ाई और दिया माँ को गुजर जाने के बाद कड़ी मेहनत कर दिया तोफा pic.twitter.com/R2vu2m9Jzt
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 8, 2022
छोटे से गांव के हैं शिवकांत
सतना जिले के अमरपाटन गरीब परिवार में पैदा हुए शिवाकांत कुशवाहा के पिता कुंजी लाल कुशवाहा मजदूरी करके पूरे परिवार का भरण पोषण करते थे। मां का देहांत हो चुका है। तीन भाई एक बहन में शिवाकांत कुशवाहा दूसरे नंबर हैं। बचपन से ही पढ़ाई में मन लगता था, लेकिन घर की दयनीय स्थिति को देखते हुए पढ़ाई के साथ साथ सब्जी का ठेला लगाना पड़ता है।SATNA MAJDOOR BOY BECOME CJ
क्या कहा शिवकांत ने
शिवाकांत कुशवाहा ने बताया कि मेरे घर की हालत अच्छी नहीं थी। मेरे माता-पिता मजदूरी करते थे और सब्जी बेचा करते थे, जो पैसे मिलते थे तो शाम का राशन लाया करता था। उसके बाद घर में चूल्हे जलते थे। मैं एक दिन राशन लेने गया था तभी मौसम खराब हुआ और बारिश में मैं गिर गया, मेरे सर में चोट लगी और मैं बेहोश पड़ा रहा। जब देर रात तक नहीं आया तो मां ढूंढते हुए आई और मुझे घर ले गई। शिवाकांत की मां शकुन बाई कुशवाहा का कैंसर के कारण वर्ष 2013 में निधन हो गया, लेकिन मां का सपना था बेटा जज बने।
पत्नी ने दिया साथ
शिवाकांत कुशवाहा रीवा के ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय से लॉ करने के बाद कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी। साथ-साथ सिविल जज की तैयारी चलती रही, चार बार असफल होने के बाद भी पांचवीं बार प्रदेश में ओबीसी वर्ग में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।शिवाकांत कुशवाहा की पत्नी मधु कुशवाहा पेशे से प्राइवेट स्कूल में टीचर है। वह बताती है कि मेरे पति 24 घंटे में 18 घंटे पढ़ाई करते थे। पढ़ाई करने के लिए दूसरे घर चले जाते थे पहले तो मैं मदद नहीं करती थी, लेकिन जब वह मेंस पेपर देकर कॉपी लेकर आते थे उनकी राइटिंग इतनी अच्छी नहीं थी। मैं कापी चेक करती थी और जहां गलती होती थी वहां गोला लगा देती थी।