दुनियाभर में आपने कई प्रकार की गाड़ियां देखी होंगी। काली, पीली, लाल, सफेद, छोटी या बड़ी लेकिन इन गाड़ियों में एक चीज समान होती है। और वो है गाड़ी के टायर(Car Black Tires) । गाड़ी के टायर काले होते है। गाड़ी का रंग चाहे कुछ भी हो लेकिन टायर आपको काले (Car Black Tires) ही मिलेंगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर छोटी गाड़ी से लेकर हवाई जहाज के टायर काले रंग (Car Black Tires) के ही क्यों होते है। हालांकि 1917 से पहले टायरों का रंग मटमैला यानी ऑफ व्हाइट हुआ करता था। लेकिन बाद में टायरों के रंग में बदलाव कर काला कर दिया गया।
टायरों का क्यों बदला गया रंग
खबरों के अनुसार 1917 से पहले के टायरों (Car Black Tires) का रंग मटमैला यानी ऑफ व्हाइट होता था। इन टायरों को प्राकृतिक रबर से बनाया जाता था। जिसके चलते ये टायर (Car Black Tires) काफी हल्के होते थे। इसलिए टायरों को मजबूती प्रदान करने के लिए जिंक ऑक्साइड नाम के केमिकल का उपयोग किया गया। लेकिन इसक बाद भी टायर कुछ हल्के रहे। इसके बाद टायर (Car Black Tires) कंपनियों ने इसमें और बदलाव कर टायरों को बनाने में कार्बन का इस्तेमाल किया जाने लगा। इसी के चलते टायरों का रंग काला हो गया। साल 1917 के बाद से बाजार में आने वाले सभी टायर काले आने लगे।
इसलिए मिलाया गया कार्बन?
दरअसल, सूरज की किरणों से रबर के टायरों को काफी नुकसान होता था। जिसके चलते टायरों में दरारे आने लगती थी। लेकिन जब टायरों में कार्बन मिलाया जाने लगा। यह सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों को ब्लॉक कर देने में सक्षम होता है। कार्बन के चलते टायर लंबे समय तक सर्विस देते है। इसके साथ ही सड़कों पर चलने पर टायरों के कटने-फटने का डर भी कम रहता है। इसी के चलते कंपनियों ने टायर का रंग काला कर दिया।