नई दिल्ली Corbewax Vaccine Abhiyaan सरकार कोविड-19 टीके कोर्बेवैक्स को अन्य देशों से मान्यता दिलाने की प्रक्रिया को तेज करने की योजना बना रही है जबकि इसकी निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल ई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से टीके को आपात इस्तेमाल सूची में सूचीबद्ध कराने का प्रयास कर रही है। इस टीके को भारत में 12 से 14 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को दिया जा रहा है।
कोविड-19 टीकाकरण पर गठित अधिकार प्राप्त समूह-5 के सदस्यों को भेजे गए आंतरिक दस्तावेज के मुताबिक विदेश में कुछ अधिकारी जैसे हांगकांग में बच्चों के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र की मांग करने लगे हैं और वे केवल उनके लिए एम-आरएनए आधारित टीके को ही स्वीकार कर रहे हैं। समूह की जल्द बैठक होने वाली है।
दस्तावेज में उल्लेख है, ‘‘यह जरूरी है कि जल्द कोर्बेवैक्स टीके और इसके प्रमाण पत्र को अन्य देशों से मान्यता दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाए जबकि बायोलॉजिकल ई, डब्ल्यूएचओ से टीके को आपात इस्तेमाल सूचीबद्ध के लिए कोशिश जारी रखें। इसमें रेखांकित किया है कि हालिया घटनाक्रम जिसमें डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन की संयुक्त राष्ट्र खरीद एजेंसी के जरिये आपूर्ति स्थगित करने से मामला और जटिल हुआ है और यह अन्य देशों द्वारा बच्चों के लिए कोवैक्सीन आधारित प्रमाण पत्र को स्वीकार करने के मामले में नकारात्मक पक्ष है।
उल्लेखनीय है कि अधिकार प्राप्त समूह-5 में देशों की ओर से एम-आरएनए आधारित बूस्टर खुराक की जरूरत और डब्ल्यूएचओ द्वारा कोवैक्सीन की आपूर्ति स्थगित करने, बच्चों के कोर्बेवैक्स और कोवैक्सीन आधारित टीकाकरण और स्पूतनिक-V लगवाने वाले भारतीयों की अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान टीकाकरण प्रमाण पत्र की स्वीकार्यकर्ता पर चर्चा की जानी है। सूत्रों के मुताबिक अधिकार प्राप्त समूह-5 के सदस्यों को भेजे गए आंतरिक दस्तावेज में कहा गया है कि वे टीके से संबंधित सभी मामलों पर विस्तार से गौर करें।