आपने अक्सर मॉल और ऑफिस में देखा होगा कि उनके टॉयलेट हमारे घरों के टॉयलेट से एकदम अलग बनाए जाते है। उनके फर्क साफ तौर पर देखा जा सकता है। और यह फर्क टॉयलेट के दरवाजों में देखा जाता है। मॉल और ऑफिस में बने टॉयलेट के दरवाजे जमीन से काफ़ी ऊपर होते है। लेकिन क्या आपको पता है कि मॉल और ऑफिस में दरवाजे ऐसे क्यों बनाए जाते है। क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों होता है?
इसलिए बनाए जाते है ऐसे टॉयलेट
दरअसल, मॉल और ऑफिस में टॉयलेट के दरवाजों को ऐसे बनाने के कई कारण है। जैसे कि टॉयलेट की जमीन पर फैलने वाले पानी से दरबाजों को खराब होने बचाना, ऊंचे दरवाज़े होने की स्थिति में आसानी से टॉयलेट साफ़ करने के लिए, टॉयलेट में हवा का सरकुलेशन बनाए रखने के लिए टॉयलेट के दरवाजे जमीन से काफ़ी ऊपर बनाए जाते है। वही टॉयलेट का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति का अगर स्वास्थ्य बिगड़ जाता है, वह बेहोश हो जाता है तो उसे आसानी से निकाला जा सके। पूरी तरह से बंद दरवाजे में ऐसा करना आसान नहीं होता। इसके अलावा टॉयलेट में स्मोकिंग करना भी खतरनाक हो सकता है। ज्यादातर लोग यहां स्मोकिंग करते हैं, लेकिन पूरी तरह से बंद टॉयलेट में धुआं भरने से सेहत को अधिक नुकसान होता है। हालांकि, ऊंचे दरवाजे वाले टॉयलेट में ऐसा नहीं होता। सिगरेट का धुंआ आसानी से बाहर निकल जाता है और एयर वेंटीलेशन होता रहता है।
बच्चों का रखा जाता है ध्यान
एक और फायदा यह है कि टॉयलेट का इस्तेमाल करने पहुंचे दूसरे इंसान को पता चल जाता है कि कोई शख्स स्मोकिंग कर रहा है। ऐसे में स्मोकिंग के मामलों में यह रोकने में भी मदद करता है। लोग पकड़ लिए जाएंगे, इसलिए ऊंचे दरवाजे वाले टॉयलेट में लोग स्मोकिंग करने से बचते हैं।ऐसी घटनाएं कई बार सामने आती है जब बच्चे खुद को टॉयलेट में बंद कर लेते हैं और फिर दरवाजा तोड़ना जरूरी हो जाता है। इस तरह के टॉयलेट में इसका खतरा नहीं होता। क्योंकि छोटे बच्चों को नीचे ऊपर की तरफ से निकाला जा सकता है। इमरजेंसी की स्थिति में ऐसे दरवाजे मददगार साबित होते हैं।