जेसीबी और बुलडोजर इन दिनों सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए है। पहले यूपी में बाबा का बुलडोजर इसके बाद एमपी में मामला बुलडोजर और अब गुजरात में दादा का बुलडोजर की चचा है। इन दोनों मशीनों का उपयोग कंस्ट्रक्शन और डिस्ट्रक्शन में लिया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि जेसीबी और बुलडोजर का रंग पहले सफेद और लाल हुआ करता था। लेकिन बाद में इसे पीला रंग दिया गया। लेकिन पीला रंग क्यों दिया गया आइए जानते है।
दरअसल, शुरूआत में जेसीबी मशीन का रंग लाल और सफेद हुआ करता था। जैसे-जैसे जेसीबी मशीन की मांग बढ़ती गई। वैसे ही जेसीबी मशीनों में अन्य बदलावों के साथ इसके रंग को भी बदल दिया गया। जेसीबी बनाने वाली कंपनी ने देखा की मशीन का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाने लगा है। तब कंपनी ने जेसीबी मशीन के रंग में बदलाव कर दिया। कंपनी ने जेसीबी के रंग को बदलकर पीला रंग कर दिया।
क्यों किया गया पीला रंग?
जेसीबी पहले सफेद रंग या लाल रंग की होती थी। दरअसल, जब कंस्ट्रक्शन साइट्स पर जेसीबी मशीन से काम चलता था तब दूर से मशीन दिखाई नहीं देती थी। रात में भी इन मशीनों को दूर से नहीं देखा जा सकता था। लेकिन बाद में जेसीबी मशीन का रंग पीला कर दिया जिसके चलते जेसीबी मशीन को दूर देखा जाने लगा। चाहे रात में या दिन में इसे दूर से देख पाना आसान हो जाता है। पीले रंग के चलते लोग दूर से समझ सकते है कि वहां मशीन खड़ी है, वहां खुदाई या दूसरा निर्णाम काम चल रहा है।
JCB मशीन किस देश का ब्रांड है?
जेसीबी एक ब्रिटिश मैन्युफैक्चरर कंपनी है. यह कंपनी कृषि, निर्माण और डिस्ट्रक्शन से जुड़े क्षेत्रों के लिए प्रोडक्शन करती है। इसकी स्थापना 1945 में हुई थी। कंपनी का हेड ऑफिस इग्लैंड के स्टैफ़र्डशायर के रोसेस्टर क्षेत्र में हैं। अब दुनियाभर के कई देशों में इसके मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स हैं. भारत में भी इसका निर्माण होता है। अमेरिका, ब्राजील और यूनाइटेड किंगडम से सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट होता है। इसका बाजार दक्षिण-पूर्व एशिया में भी फैला है. इंग्लैंड में बनी 70 फीसदी मशीनें 150 देशों में सप्लाई की जाती हैं।