Narayan Meghaji Lokhande : आपने भी कभी यह जानने की कोशिश की होगी की हमें संडे को छुट्टी किसने दिलाई होगी। आखिर रविवार की छुट्टी कब प्रारंभ भारत में कब हुआ था तो चलिए दोस्तों इस के बारे में जानते हैं। भारत मे रविवार की छुट्टी 10 जून 1890 को चुना गया परंतु ये बिल पास नही हो पाया था। नारायण मेघाजी द्वारा 7 साल के प्रयास से ब्रिटिश हुकूमत ने इसे पारित किया था। तभी से लेकर आजतक रविवार की छुट्टी होती है।
नारायण मेघाजी लोखंडे जोतिराव फुलेजी के सत्यशोधक आंदोलन के कार्यकर्ता माने जाते थे। जब भारत में अंग्रेजों का शासन था उस दौरान मजदूरों को लगातार 7 दिनों तक काम करना पड़ता था। जिसके बाद नारायण मेघाजी लोखंडे ने एक योजना बनाई कि हफ्ते में 7 दिन हम अपने परिवार के लिए काम करते हैं लेकिन जिस समाज की बदौलत हमें नौकरियां मिली है, उस समाज की समस्या छुड़ाने के लिए हमें 1 दिन छुट्टी जरूर मिलनी चाहिए।
मेघाजी ने रखा प्रस्ताव
उसके बाद उन्होंने अंग्रेजों के सामने 18 सो 81 में 1 दिन छुट्टी के लिए प्रस्ताव रखा। लेकिन अंग्रेजों ने यह प्रस्ताव मानने से इनकार कर दिया। उसके बाद नारायण मेघाजी लोखंडे जी ने रविवार की छुट्टी के लिए 18 से 81 में आंदोलन शुरू कर दिया और यह आंदोलन तेजी से बढ़ता गया। दोस्तों यह आंदोलन लगभग 8 सालों तक चला था जिसके बाद आखिरकार 18 सो 89 में अंग्रेजों ने रविवार की छुट्टी का ऐलान कर ही दिया।