उत्तरप्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद विधान परिषद में तो सपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। और अब सपा के कुनबे में भगदढ़ मच गई है। एक तरफ शिवपाल यादव के बीजेपी में जाने के कयास है तो वही दूसरी तरफ आजम खेमे ने मोर्चा खोल रखा है। नतीजा, समाजवादी पार्टी से दनादन विकेट गिरने लगे हैं। पिछले हफ्ते भर में छह से ज्यादा नेता पार्टी से इस्तीफे दे चुके है। अंदरखाने की माने तो इस कतार में कई यदुवंशी सांसद-विधायक भी शामिल है।
हाल ही में शिवपाल की तरह राज्यसभा से सपा सांसद सुखराम यादव ने सीएम योगी से मुलाकात की ऐसे में सपा कुनबे में कलह और खिसकती पलटन को देखकर अखिलेश-मुलायम की चिंता बढ़ गई है। चाचा शिवपाल झोला-झंडा उठाए खड़े हैं. और बागी बहू अपर्णा भगवा गुणगान कर दिल जला रही है।
पूर्व सांसद का आरोप
गाजीपुर के पूर्व समाजवादी सांसद राधेमोहन सिंह ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि चुनाव में मुझे हराने के लिये अखिलेश ने ओमप्रकाश राजभर को मेरे पीछे लगाया और माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार से नजदीकियां बढ़ा लीं। जाहिर है विधानसभा चुनाव में 111 सीटें जीतने के बाद अखिलेश पार्टी में जिस ऊर्जा की उम्मीद कर रहे थे, विधान परिषद चुनाव में खाता नहीं खुलने से पार्टी में अंदरखाने माहौल बिगड़ा है. फिलहाल तो दिख यही रहा है कि शिवपाल-आजम ने अखिलेश की मुसीबते बढ़ा दी है। इसके अलावा अखिलेश से कई विधायक और सांसद खफा है।