मध्यप्रदेश में अगले साल नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। हाल ही में कांग्रेस ने आने वाली रामनवमी और हनुमान जयंती पर अपने पदाधिकारियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं को रामलीला, सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने के निर्देश दिए थे। कांग्रेस का उद्देश्य जनता में अपनी पैठ और मजबूत करना है। लेकिन इन निर्देशों का पार्टी के अंदर ही विरोध होना शुरू हो गया है। कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद ने इस आदेश पर खुलकर विरोध किया है इसके साथ ही उन्होंने इस आदेश को लेकर अपनी बात रखी है।
मसूद का बयान
मसूद ने इस आदेश को लेकर कहा कि रामनवमी और हनुमान जयंती मनाने के निर्देश जारी करना एक राजनैतिक दल के ठीक नहीं है। मसूद ने कहा कि इस तरह किसी एक समुदाय की बात करना भी ठीक नहीं। कांग्रेस द्वारा जारी निर्देशों को लेकर मसूद ने कहा कि मुझे एतराज है कि आपने हनुमान जयंती और रामनवमी का ज़िक्र किया लेकिन पवित्र रमज़ान महीने को छोड़ दिया। साथ ही अंबेडकर की जयंती को छोड़ दिया। गणगौर के साथ गुड फ्राइडे का भी नाम नहीं लिया गया। मसूद ने कहा कि कांग्रेस को जो लोग समर्थन देते हैं वे केवल इसलिए कि यही इकलौती ऐसी पार्टी है जो हर धर्म के लोगों को समानता देती है। इस तरह के निर्देशों से खुद सवाल खड़ा करने की गुंजाइश छोड़ते हैं।
कांग्रेस ने जारी किया था परिपत्र
बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस ने जनता में पैठ बनाने के लिए कांग्रेस ने अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आने वाली रामनवमी और हनुमान जयंती पर अपने पदाधिकारियों, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को रामलीला, सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने के निर्देश दिए थे। कांग्रेस का मानना है कि इस कदम से लोगों में उनकी पैठ बढ़ेगी।