Breaking News: इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पाकिस्तान के 4 यूट्यूब समाचार चैनलों सहित 22 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया। मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल फरवरी में सूचना प्रौद्योगिकी नियमावली 2021 की अधिसूचना जारी होने के बाद यूट्यूब आधारित भारतीय चैनलों के विरुद्ध इस प्रकार की कार्रवाई पहली बार की गई है।
इन कारणों से किया ब्लॉक
आपको बताते चले कि, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने के लिए सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। जहां पर 3 ट्विटर अकाउंट, 1 फेसबुक अकाउंट और 1 न्यूज वेबसाइट भी ब्लॉक किए गए हैं। बता दें कि, इससे पहले भी भारत सरकार कई यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर चुका है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने के लिए पाकिस्तान के 4 यूट्यूब समाचार चैनलों सहित 22 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया।
3 ट्विटर अकाउंट, 1 फेसबुक अकाउंट और 1 न्यूज वेबसाइट भी ब्लॉक किए गए हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 5, 2022
इन चैनलों को किया ब्लॉक
आपको बताते चलें कि, इनमें ARP न्यूज, सरकारी बाबू, ऑनलाइन खबर, डीपी न्यूज, किसान तक, भारत मौसम, दिनभर की खबरें, डीजी गुरुकुल जैसे भारतीय चैनल शामिल हैं। वहीं पाकिस्तान के दुनिया मेरे आगे, गुलाम नबी मदनी, हकीकत टीवी, हकीकत टीवी 2.0 का नाम है। इनके अलावा 3 ट्विटर अकाउंट, एक फेसबुक अकाउंट और एक न्यूज वेबसाइट को भी ब्लॉक किया गया है।
जानिए मंत्रालय द्वारा जारी बयान
आधिकारिक बयान में कहा गया कि जिन यूट्यूब चैनलों को बंद किया गया उनकी संचयी दर्शक संख्या 260 करोड़ से ज्यादा थी। मंत्रालय के अनुसार, कई यूट्यूब चैनल “भारतीय सशस्त्र सेनाओं, जम्मू कश्मीर आदि जैसे विषयों पर फर्जी खबरें प्रसारित करते थे।” बयान में कहा गया कि भारत विरोधी सामग्री समेत जिस सामग्री पर पाबंदी लगाई गई है वह पाकिस्तान से समन्वित तौर पर संचालित होने वाले सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये पोस्ट की जाती थी। बयान में कहा गया कि यूक्रेन की स्थिति पर भी कुछ भारतीय यूट्यूब चैनलों पर गलत जानकारी प्रसारित की जाती थी जिसका लक्ष्य अन्य देशों के साथ भारत के संबंध खराब करना था। मंत्रालय ने कहा कि जिन भारतीय यूट्यूब चैनलों को बंद किया गया है वे कुछ टीवी न्यूज चैनल के ‘टैम्पलेट’ और ‘लोगो’ के साथ -साथ उनके समाचार एंकर की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे थे ताकि दर्शकों को गुमराह कर यह विश्वास दिलाया जा सके कि खबर प्रमाणिक है।