2023 विधानसभा चुनाव के पहले एमपी कांग्रेस भगवान राम की शरण में आ चुकी है। 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस का फोकस सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर दिख रहा है। इसी कड़ी में रामनवमी और हनुमान जयंती पर पार्टी के दिग्गज नेतागण राम भक्ति में डूबे नज़र आएंगे। इस लिस्ट में पूर्व सीएम कमलनाथ का नाम सबसे आगे है। कमलनाथ छिंदवाड़ा में हनुमान जयंती पर विशेष पूजा अर्चना करेंगे। साथ ही रामनवमी पर कमलनाथ की तरफ से खास शुभकामना संदेश जारी करने की तैयारी चल रही है। लेकिन इस पर बीजेपी के तेवर तल्ख नजर आ रहे हैं।
सारंग ने साधा निशाना
74 बंगला स्थित चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आज मीडिया से चर्चा की मीडिया से चर्चा करते हुए कहा । कि “राम नवमी और हनुमान जयंती के माध्यम से कांग्रेस अगर राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कोशिश करेंगी तो कोई फायदा नहीं होगा हमें प्रसन्नता है कि वह रामनवमी और हनुमान जयंती मना रही है। पर वह इस बात का भी खेद व्यक्त करें कि क्यों सालों तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनने दिया गया।
यह भी बताएं कि क्यों कपिल सिब्बल ने राम मंदिर पर सुनवाई टालने के हलफनामा दायर किया,रामसेतु तोड़ने का षड्यंत्र सोनिया गांधी ने क्यों किया अगर वह इन सब के लिए माफी मांगे तो वह रामनवमी मनाने के अधिकारी होंगे
ढकोसले करने से कुछ नहीं होगा।”
बीजेपी के नेता डॉक्टर हितेश बाजपेयी ने भी की आलोचना
वहीं इस मामले में बीजेपी के नेता डॉक्टर हितेश बाजपेयी ने आज जानकारी देते हुए कहा कि कमलनाथ जी ने 16 अप्रैल को अपने सभी कांग्रेस पदाधिकारियों को “हनुमान चालीसा” हनुमान जयंती पर पढ़ने के लिए कहा है । कमलनाथ जी हनुमान जी के “चुनावी भक्त” हैं और यही कारण है कि वे छिंदवाड़ा में वनवासियों गरीबों के लिए मंदिर बनवाते हैं, और खुद रहते दुबई में हैं।