भोपाल। अयोध्या में सरयू तट और Sindhi Panchayat उज्जैन में क्षिप्रा तट पर जलाए गए लाखों दीपों से प्रेरणा लेते हुए भोपाल की सामाजिक संस्था सिंधु सेना व पूज्य सिंधी पंचायत नानक टेकरी द्वारा भोपाल के बड़े तालाब पर पहली बार एक साथ 51 हजार दीपों को जलाने का अनूठा आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में हिंदू इको सिस्टम के संस्थापक मौजूद रहे। हिंदू नव वर्ष, चैती चांद व गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर आलोक शर्मा ने कहा कि आज भोपाल की नगरी इस अनूठे आयोजन से पवित्र हो गई, इस अवसर पर उन्होंने चेत्र नव वर्ष, गुडीपड़वा, चेतिचाँद की शुभकामनाएँ प्रेषित की।
सनातन धर्म में दीप का है विशेष महत्व —
आयोजन के बारे में बताते हुए सिंधु सेना प्रमुख राकेश कुकरेजा ने बताया कि सनातन धर्म में दीप का विशेष महत्व रहा है। सूरज ढलने के बाद अंधियारी रात में उजाला करने के लिए प्राचीन काल से दीपक का ही उपयोग होता आया है। ऐसे में हमारे सबसे बड़े त्योहार हिंदू नव वर्ष व चेती चांद के अवसर पर लोगों को धर्म से जोड़ने के लिए इस अनूठे आयोजन को किया जा रहा है। ताकि समाज में फैली नकारात्मकता को दीपों के उजियारे से दूर किया जा सके।
कार्यक्रम में दुबई की तर्ज पर लेजर शो का भी आयोजन किया गया। जिसमें शीतल दास की बगिया के पास 200 फीट ऊंचे भगवान श्री राम, भगवान श्री झूलेलाल और अयोध्या के राम मंदिर के भव्य दर्शन श्रद्धालुओं को करवाए। अब तक इस तरह के शो दुबई में ही होते रहे हैं। पहली बार यह आयोजन राजधानी भोपाल में कराया गया। लेजर शो के बाद नववर्ष का स्वागत करते हुए आकर्षक आतिशबाजी भी की गई। जिसके बाद महाआरती और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम हुआ। कुकरेजा ने लेजर शो के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शीतलदास की बगिया के पास से इस लेजर शो को आयोजित कराया गया है। जिसमें सामने वाले छोर पर भगवान राम व भगवान झूलेलाल जी के दर्शन हुए। अब तक तकनीक का उपयोग अन्य कामों में होता रहा है, लेकिन अब लोगों को धर्म से जोड़ने के लिए तकनीक का उपयोग सिंधु सेना करने जा रही है। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में सिंधी समाज सहित सभी समाजों के लोग उपस्थित रहे। इस दौरान पल्लव फैलाकर भगवान श्री झूलेलाल से भोपाल की सुख समृद्धि व महामारी से मुक्ति की प्रार्थना की गई।