जशपुर। जिले के कांसाबेल टांगरगांव में प्रस्तावित क़ुदरगढ़ी स्टील प्लांट को लेकर एक बार फिर से ग्रामीणों का विरोध शुरु हो गया है।स्थानीय ग्रामीण स्टील प्लांट के विरोध में लामबंद हो गए हैं।अपनी आपत्ति दर्ज कराने ग्रामीण हाथों में डंडे लेकर एसडीएम कार्यालय पंहुच गए और नारेबाजी करने लगे।आपको बता दें कि क़ुदरगढ़ी कम्पनी के द्वारा कृषि भूमि का औद्योगिक डायवर्सन कराया जा रहा है जिसके बाद स्टील प्लांट की स्थापना का कार्य आगे बाद जाएगा।इसकी भनक ग्रामीणों को लगते ही एक बार फिर से वे क़ुदरगढ़ी स्टील प्लांट के विरोध में लामबंद हो गए हैं।
गौरतलब है कि कांसाबेल तहसील के अंतर्गत टांगरगांव में पिछले एक साल से ग्रामीण लगातार स्टील प्लांट का विरोध कर रहे हैं वहीँ कम्पनी के लोग किसी भी तरह से प्लांट बैठाने की जोर जुगत में लगे हुए हैं।मामला उस वक्त सामने आया जब ग्रामीणों ने प्रस्तावित भूमि के औद्योगिक डायवर्सन का नोटिस देखा।दरअसल कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी बगीचा में प्राप्त आवेदन के अनुसार उक्त भूमि के डायवर्सन के लिए इस्तेहार जारी किया गया है।जिसमें दवा आपत्ति मंगाई गई है।
टांगरगांव के ग्रामीण हाथों में डंडे लेकर एसडीएम कार्यालय पंहुच गए और लिखित आपत्ति दर्ज कराते हुए उक्त भूमि का औद्योगिक डायवर्सन ना करने की मांग की।ग्राम पंचायत के द्वारा भी अलग से आपत्ति दर्ज कराते हुए विरोध दर्ज कराया गया है। भूमि को कृषि प्रयोजन हेतु कम्पनी से जुड़े लोगों के नाम पर लिया है। और अब उक्त भूमि को औद्योगिक मद व्यपरिवर्तन हेतू आवेदन किया गया है। जिसके लिए अनुविभागीय कार्यालय से 10/03/2022 को ईश्तहार जारी किया गया है।जिसका हम सभी ग्राम पंचायत टांगरगांव सरपंच पचं व ग्रामीण जन सामूहिक रूप से आपत्ति करते हैं।
फिलहाल क़ुदरगढ़ी स्टील प्लांट की सुगबुगाहट के बाद एक बार फिर से विरोध के स्वर तेज होते दिख रहे हैं।आने वाले दिनों में पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के भी उक्त विरोध में फिर से सक्रीय होने की बात कही जा रही है।अब देखना होगा की स्टील प्लांट की स्थापना को लेकर शासन प्रशासन द्वारा किये जा रहे कवायद से आगामी चुनाव में कांग्रेस सरकार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।