भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गेहूं के उत्पादन और निर्यात के लेकर बड़ा ऐलान किया है। सीएम शिवराज ने कहा कि हमने तय किया है कि, अब मध्य प्रदेश के गेहूं को पूरी दुनिया में निर्यात करेंगे। इसलिए आज निर्यातकों के साथ बैठक थी। माननीय प्रधानमंत्री जी से चर्चा हुई थी, पीयूष गोयल जी और उनके मंत्रिमंडल के साथ जितनी समस्या बताई एक्सपोर्ट करने के लिए रेलवे के रेग नहीं मिलते, पोर्ट में जगह नहीं मिलती, जितनी चीजें बताई हमने सब का समाधान कर दिया। आज उन्होंने, मुझसे एक मांग और की थी जो गेहूं आप दुनिया में निर्यात करें, उस पर मंडी टैक्स ना ले। मुख्यमंत्री शिवराज ने आगे कहा कि फैसला कर दिया है कि! बाहरी देशों में मध्य प्रदेश का जो गेहूं जाएगा, उन पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा
इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने साफ कह दिया था, “यह डकैत मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं चलेंगे।” मध्यप्रदेश की धरती पर या तो शिवराज सिंह चौहान रहेगा या डाकू रहेंगे दोनों एक साथ नहीं रह सकते। मुझे यह कहते हुए गर्व है, कि डकैतों को जब ठोकना शुरू किया, तो या तो ऊपर चले गए या जेलों में गए या सबने आत्मसमर्पण कर दिया। आज की तारीख तक कोई बड़ा सूचीबद्ध गिरोह मध्यप्रदेश की धरती पर खड़ा नहीं हो पाया। यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार की देन है।
मैं एक बात साफ कह रहा हूं, कांग्रेस में क्यों नहीं मरे यह डाकू? क्योंकि इनको राजनैतिक संरक्षण मिलता था। पुलिस को अगर कह दो, प्रशासन को अगर कह दो तो कैसे बुलडोजर चलते? रोज देख रहे हैं, आज भी इंदौर में आपने देखा होगा।
वैक्सीन को लेकर सीएम ने कहा कि वैक्सीन बनाने का काम सबसे बड़ा काम हुआ। इतने लोग आज यहां बैठे हैं, पूरे मध्यप्रदेश में लोग सुन रहे हैं। बताओ, प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार के पहले भारत की किसी सरकार ने कभी पहले महामारी की वैक्सीन बनाई थी क्या? हम निर्भर करते थे। अमेरिका बना दे, रूस बना दे, चीन बना दे, जर्मनी बना दे, हम तो उनसे फिर ले लेंगे।लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने वैज्ञानिकों की टीम बनाई। एक साल के अंदर वैक्सीन बन गई और 181 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगा दी गई।
आज मैं प्रदेश वासियों और विशेषकर कार्यकर्ता बहनों और भाइयों को एक बात और गर्व के साथ बताना चाहता हूं। कोविड के इस कठिन काल में मध्य प्रदेश की विकास दर, हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा 19.7% रही है उनकी सरकार 15 महीने की सरकार और 15 महीने में क्या कहर ढाया है।जगह जगह उन्होंने बदमाशों पर नहीं कार्यकर्ताओं पर कहर ढाया था। वल्लभ भवन लूट का अड्डा बन गया था उस समय के मुख्यमंत्री के पास विधायकों से मिलने का टाइम नहीं था। लेकिन कोई ठेकेदार आ जाये तो भव्य स्वागत करो, दरवाजे बंद, लेन देन की बातें चालू। अरे, हमारी सरकार मिशन की सरकार है। उनकी सरकार कमीशन की सरकार थी, कमीशन की सरकार चलाते थे।
सीएम ने ऐलान किया कि हमने एक कार्यक्रम हाथ में लिया है एक दिन गांव का और शहरों का गौरव दिवस मनाने का। भोपाल का गौरव दिवस 1 जून को मनेगा हम अपने शहर का विकास करेंगे तो जनभागीदारी से भी कुछ करेंगे, हम खुद अपने शहर के लिए क्या कर सकते हैं वो तय करेंगे, गांव के लिए खुद क्या कर सकते है? अपना घर घर की गली साफ रख सकते है, साल में एक पेड़ लगा सकते हैं, गांव की आंगनबाड़ी ठीक चले, शहर की आंगनबाड़ी ठीक चले, जिस स्कूल में हम पढ़े उस स्कूल को ठीक से चलाएं वो काम तो हम कर सकते है।
तो ऐसे छोटे-छोटे कामों के लिए।गांव और शहर अपना अपना गौरव दिवस तय करें। ताकि हम लोग अपने गांव को और बेहतर बना पाए और अच्छा बना पाए। कोई कितने समय मुख्यमंत्री रहा ये महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण है कि अगर रहा तो कैसे काम किया। अगर अच्छा काम किया, जो भी अच्छा किया तो उसके पीछे ठाकरे जी का आशीर्वाद। उनकी छत्रछाया में हमने काम करना सीखा। प्रधानमंत्री जी का कुशल मार्गदर्शन, नेतृत्व, भारतीय जनता पार्टी के संगठन जैसा साथ है वह देव दुर्लभ है। आप सब कार्यकर्ताओं ने जो सहयोग किया है, वह सचमुच में असंभव है। इसलिए अगर श्रेय किसी को जाता है तो वो आपको जाता है।