इनकम टैक्स विभाग ने यहां छापा मारा, वहां रेड मारी ऐसी खबरे आजकल आम हो गई है। आयकर विभाग ऐसी जगाहों पर छापा मारता है जहां अवैध धन जमा होने का शक होता है। यह एक तरह से भारत सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कानूनी कदम है। लेकिन शायद ही कम लोगों को पता है कि आखिर इनकम टैक्स विभाग कब और कैसे छापेमारी करता है। विभाग जब रेड मारता है तो अधिकारी क्या-क्या जब्त करते है और क्या नहीं।
क्या है काला धन?
सबसे पहले हमे समझना होगा की आखिर काला धन क्या होता है। अवैध रूप से आए धन को काला धन कहा जाता है। इसे काला धन इसलिए कहा जाता क्योंकि ऐसे धन पर आय और अन्य करों का भुगतान नहीं किया जाता। किसी व्यापारी या किसी शख्स द्वारा छुपाए धन को काला धन कहते है। ऐसे काले धन पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए है और आयकर विभाग ऐसे काले धन पर लगाम लगाती है।
इनकम टैक्स कब मारता है रेड?
इनकम टैक्स को जब कर चोरी की जानकारी मिलती है तो विभाग उस जगह पर रेड मारता है। या फिर आयकर विभाग को इंटेलिजेंस से प्राप्त जानकारी के बाद छापामार कार्रवाई की जाती है। आयकर विभाग अन्य सरकारी विभागों से मिली जानकारी के आधार पर भी रेड मारती है। इसके अलावा करदाताओं के मूल्यांकन रिकॉर्ड, आय से अधिक खर्च करने की स्थिति, चालान वाउचर और अकाउंट्स में हेराफेरी, अवैध निवेश जैसी स्थिति में आयकर विभाग के अधिकारी छापामार कार्रवाई को अंजाम देते है।
अधिकारी क्या जब्त कर सकते है?
आयकर के अधिकारी छापामार कार्रवाई के दौरान अवैध नगदी, आभूषण, अकाउंट्स बुक्स, चालान, डायरी, कंप्यूटर, डेटा स्टोरेज डिवाइस, संपत्ति से संबंधित दस्तावेज जैसे चीजे जब्त करता है।
क्या जब्त नहीं कर सकते है?
वही रेड के दौरान व्यवसाय का स्टॉक-इन-ट्रेड, आयकर विभाग के समक्ष की गई संपत्ति या नकदी, घोषित संपत्ति, टैक्स रिटर्न में दर्शए गए आभूषण, विवाहित महिला के लिए 500 ग्राम तक सोना, अविवाहित महिला के लिए 250 ग्राम तक सोना और पुरुष के लिए 100 ग्राम तक सोना आयकर विभाग जब्त नहीं कर सकता है। बता दें कि आयकर विभाग आयकर की धारा 132 के तहत छापामार कार्रवाई करता है। आयकर विभाग किसी भी नेता, व्यापारी, अधिकारी के घर और उनके ठिकानों पर रेड मार सकता है।