नई दिल्ली। 12 वीं पास कर चुके विद्यार्थियों के लिए UG seat in Central University एक बड़ी खबर है। अगर आप केंद्रीय विश्वविद्यालयों central university में प्रवेश लेने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें यूजीसी UGC ने इसके नियमों में बदलाव किया है। दरअसल अब डीयू, बीएचयू जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए एक ही परीक्षा देनी होगी। यूजीसी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब 12 वीं के अंकों के आधार पर नहीं बल्कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट Common University Entrance Test (CUET) में प्राप्त अंकों के बेस पर ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि 12 वीं में न्यूनतम अंक की अनिवार्यता रहेगी। लेकिन अधिक नंबर के लाने वाले को दाखिले में वरियता समाप्त हो जाएगी। सोमवार को यूजीसी द्वारा CUET को लेकर घोषणा कर दी है।
सभी भाषाओें में आयोजित होगी परीक्षा —
आपको बता दें यूजीसी द्वारा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सहित 13 भाषाओं में आयोजित किया जाएगा। जिससे विद्यार्थियों की परीक्षा में भाषा रुकावट नहीं डालेगी।
पूरे देश में एक साथ होगी परीक्षा —
नए नियम के अनुसार देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एक ही कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा। कि विद्यार्थी देश के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए परीक्षा दे सकता है। इस संबंध में सोमवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने घोषणा जारी कर दी है। आपको बता दें इससे पहले 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश मिलता था।
क्या होगा परीक्षा का पेटर्न —
आपको बता दें यह परीक्षा कंप्यूटर बेस होगी। जिसे जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न सीबीएसई में एनसीईआरटी पर आधारित होंगे। यह परीक्षा दो शिफ्ट में होगी। पहली पारी में लैंग्वेंज के साथ—साथ दिए गए दो विषयों पर आधारित सामान्य परीक्षा होगी। तो वहीं दूसरी शिफ्ट में 4 सबजेक्ट होंगे। एक भाषा की परीक्षा होगा। आपको बता दें दिए गए 19 भाषाओं के विकल्प में से विद्यार्थी स्वयं विषय चुन पाएंगे।
इस महीने होगी प्रवेश परीक्षा —
यूजीसी के अनुसार इसी सत्र यानि 2022-23 से ही कॉमन एंट्रेंस टेस्ट शुरू हो जाएगा। इस परीक्षा के आधार पर केंद्रीय विश्वविद्यालय और इससे अफिलेटिड कॉलेजों में अब ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश लिया जा सकेगा। हालांकि इसमें एक बात गौर करने लायक ये है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपनी यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए बोर्ड परीक्षा में प्राप्त एक न्यूनतम प्रतिशत को अपनाने का अधिकार होगा। इसका मतलब ये है कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर 12 वीं में प्रवेश के लिए प्रतिशत को तय कर सकता है। फिर भी उसे सीयूईटी देना होगा। इसके अलावा कुछ प्रोफेसनल कोर्स जैसे ऑडियो-विजुअल या परफॉर्मिंग आर्ट (audio-visual or performing arts) या एक्स्ट्रा करिकुलर और स्पोर्ट्स कैटगरी में प्रवेश के लिए विवि प्रैक्टिकल या ट्रायल के बेस पर प्रवेश दे सकती है।
लागू होगा 12वीं एनसीईआरटी का सिलेबस —
आपको बता दें यूजीसी ने इस प्रवेश परीक्षा के नाम में से केंद्रीय विश्वविद्यालय शब्द को इसलिए हटा दिया है ताकि इस परीक्षा में शामिल होने वाला विद्यार्थी डीम्ड या निजी विश्वविद्यालय में प्रवेश पा सकें।
नहीं प्रभावित होगी आरक्षण नीति —
प्राप्त जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए केवल सीयूईटी का स्कोर जरूरी होगा। इस परीक्षा से आरक्षण नीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर कोई यूनिवर्सिटी स्थानीय छात्रों के लिए सीटों का कोटा सुरक्षित रखता है तो वह भी प्रभावित नहीं होगा। इसमें अंतर केवल इतना होगा कि अन्य सभी छात्रों की तरह स्थानीय छात्र या आरक्षित वर्ग के छात्र भी सामान्य प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही आएंगे।