भोपाल। एमपी में 12 से 14 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन Corbevax Vaccine For Kids आज से तीन दिन बाद यानि 23 मार्च से शुरू होने जा रहा है। लेकिन इसी बीच गर्मी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। लेकिन इसी बीच एक अच्छी खबर ये आई है कि बच्चों को इस गर्मी से बचाने के लिए वैक्सीनेशन से पहले ORS का घोल दिया जाएगा। इसके बाद ही बच्चों को कोविड विरोधी टीका लगेगा। आपको बता दें वैसे तो देश में 16 मार्च से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। लेकिन प्रदेश में कुछ वजह से इसे शुरू नहीं किया गया था। लेकिन अब इसकी शुरुआत 23 मार्च से होने जा रही है। साथ ही बुजुर्गों को भी बूस्टर डोज लगना शुरू हो गया है।
इन सभी जगहों पर होगी ये सुविधा —
आपको बता दें बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए जितने भी हेल्थ सेंटर बनाए गए हैं। साथ ही स्कूलों में जहां—जहां वैक्सीनेशन होना है। सभी जगह पर इस ORS की सुविधा होगी। इससे फायदा ये होगा कि गर्मी के चलते बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होगी। साथ ही वैक्सीनेशन के बाद आने वाली कमजोरी में भी ये सहायक होगी। बता दें कि प्रदेश में इस उम्र के करीब 30 लाख से अधिक बच्चों को टीका लगाना है। राज्य कोविड टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला ने बताया है कि ORS घोल पिलाने का मुख्य उद्देश्य यह कि गर्मी में दूर-दराज के साथ धूप में बच्चे वैक्सीन लगवाने पहुंचेंगे। ऐसे में गर्मी के कारण उन्हें डिहाइ़ड्रेशन का शिकार होना पड़ सकता है। पसीना बहने से शरीर में शक्कर और नमक की मात्रा कम होने से बच्चे बेहोश भी हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें ORS घोल देने से यह मात्रा शरीर में बनी रहेगी।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होगा जरूरी
इस बार के बच्चों के वैक्सीनेशन में सबसे अच्छी बात ये हैं कि 12 से 14 साल तक की उम्र वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं होगा। इसके लिए गर्वेंमेंट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 16 मार्च को सुबह 9 बजे से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर अपना टाइम स्लॉट बुक किया जा सकता है। इसके अलावा बच्चों के अभिभावक या पेरेंट्स वैक्सीनेशन सेंटर पर सीधे पहुंचकर भी बच्चों की उम्र संबंधी दस्तावेज दिखाकर वैक्सीनेशन करवा सकते हैं।
बच्चों का वैक्सीनेशन इसलिए हुआ जरूरी —
आपको बता दें भारत में तो कोरोना की दूसरी लहर अपना तांडव दिखाने के बाद तीसरी लहर भी आ चुकी है। हालांकि बीते कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में कमी जरूरी आई है लेकिन अब चीन और सिंगापुर में ये एक बार फिर पैर पसारता दिख रहा है। यहां तक कि एक शहर में लॉकडाउन भी लगा दिया गया है। जिसके बाद भारत सरकार किसी भी प्रकार का रिस्क न लेते हुए बच्चों के वैक्सीनेशन को भी बढ़ावा देना चाहती है। इसलिए 12 से 14 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया है। एक्सपर्ट की मानें तो अब इसी उम्र के बच्चों पर खतरा ज्यादा है। चूंकि 15 वर्ष के ज्यादा ऐज के लोग वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। ऐसे में 12 से 14 वर्ष वालों को खतरा अधिक है। आपको
बच्चों को लगेगी कोर्बेवैक्स —
आपको बता दें अभी इसके पहले शुरू हुए 15 से 17 उम्र के ऐजग्रुप वालों को भारत बायोटेक की कोवैक्सिन लगाई गई थी। जबकि 18 वर्ष से ज्यादा वालों के पास कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-V का आप्शन था। चूंकि कोर्बेवैक्स को 21 फरवरी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से इमरजेंसी के अप्रूवल दे दिया था। इसलिए अब 12 से 14 वर्ष वालों को कोर्बेवैक्स ही लगेगी।
एडवाइजरी भी जारी की —
आपको बता दें इस वैक्सीनेशन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा मंगलवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिव के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है। जिसके अनुसार राज्यों को वैक्सीनेशन के दौरान बरती जाने वाली एहतियात बरतने संबंधी निर्देश दिए गए हैं।
खबर एक नजर —
- वैक्सीनेशन दो ग्रुपों 12 से 13 वर्ष और 13 से 14 वर्ष में होगा।
- इस वैक्सीनेशन में वर्ष 2008, 2009 और 2010 में जन्म लिए बच्चों को शामिल किया जाएगा।
- वैक्सीन लगने वाले दिन बच्चे की उम्र कम से कम 12 वर्ष होना अनिवार्य।
- वैक्सीन लगाते समय उम्र के सत्यापन की जिम्मेदारी हेल्थ सेंटर के कर्मचारियों की होगी।
- पहली वैक्सीन लगने के बाद दूसरी डोज 28 दिन बीतने पर ही दी जाएगी।
60 वर्ष से अधिक वालों के लिए जरूरी बातें —
- 60 साल से ज्यादा उम्र वाले सभी बुजुर्ग इसके दायरे में आएंगे।
- वैक्सीनेशन सेंटर जाकर सीधे भी प्रिकॉशन डोज लगवा पाएंगे।
- वैक्सीनेशन सेंटर पर एज सर्टिफिकेट दिखाकर ही वैक्सीनेशन होगा।
- दूसरी डोज लगने के 36 सप्ताह (9 महीने) बाद ही तीसरी डोज ली जा सकेगी।