नई दिल्ली। अगर आप भी कॉलेज में Assistant Professors असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना देख रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। दरअसल आने वाले समय में कॉलेजों में 2500 असिस्टेंट और नाइजेरियर प्रोफेसर की भर्ती की जाएगी। ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके। दरअसल विद्यार्थियों की शिक्षा में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए आनलाइन प्लेट फार्म शुरू किए जाएंगे। आपको बता दें ये जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताई। प्रदेश में स्टार्टअप और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए भोपाल, रीवा, उज्जैन इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर यूनिवर्सिटी में इंक्यूबेशन सेंटर बनाए जाएंगे।
डिजिटल यूवर्सिटी को लेकर खास बातें —
- आपको बता दें इन सेंटर को एसएमएसई विभाग की स्टार्ट अप नीति से जोड़ा जाएगा।
- गवर्मेंट कॉलेजों में 200 स्मार्ट रूप और 10 संभागों में डिजिटल स्टूडियों की स्थापना भी की जाएगी।
- इसके अलावा आनलाइन लर्निंग सिस्टम लागू किया जाएगा।
- सभी कॉलेजों में कॉमर्स विषयों और सॉर्स सीनों विषयों की व्यवस्था होगी।
- इसके लिए 1500 से अधिक सहायक प्रध्यापकों, क्रीडा अधिकारियों और लाइब्रेरियन की भर्ती की जाएगी।
डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए तैयार हो रहा है कांसेप्ट नोट—
आपको बता दें डिजिटल यूनिवर्सिटी तैयार करने के लिए कांसेप्ट नोट तैयार किया जा रहा है। साथ ही इसके लिए एक विशेषज्ञ की टीम जल्द ही आईआईटी केरल का दौरा करेगी। प्रदेश में स्टार्टअप और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए भोपाल, रीवा, उज्जैन इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर यूनिवर्सिटी में इंक्यूबेशन सेंटर बनाए जाएंगे। आपको बता दें इसके लिए कुछ दिनों पहले ही असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया था। जिसमें यह कहा गया था कि विषय विशेषज्ञता रखने वाले लोगों को रखा जाएगा।