नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के ‘जी 23’ समूह के नेताओं की आज (बुधवार) को बैठक कर पार्टी की वर्तमान स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की। यह बैठक राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई। इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और कई अन्य नेता शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि जी 23 के इस बैठक में कई ऐसे नेताओं को भी न्यौता दिया था जो इस समूह का हिस्सा नहीं है लेकिन वह भी पार्टी के अंदर बदलाव चाहते हैं।
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक साक्षात्कार में कहा है कि गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए। उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस की चांदनी चौक जिला इकाई ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए सिब्बल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही कई नेताओं के निशाने पर कपिल सिब्बल आ गए। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीएल पुनिया से लेकर राहुल गांधी के करीबी मनिकम टैगोर व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तक ने कपिल सिब्बल पर निशाना साधा।
पार्टी को तोड़ने का आरोप
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद भी ‘जी 23’ समूह के नेता बार-बार बैठकें करके पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी कांग्रेस में कोई भी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को कमजोर नहीं कर सकता तथा पार्टी के सभी लोग उनके साथ हैं। ‘जी 23’ के नेताओं की इस बैठक से तीन दिन पहले गत रविवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी जिसमें पार्टी नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया था और उनसे आग्रह किया था कि वह कांग्रेस को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाएं। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के इस समूह ने अपनी सक्रियता उस वक्त बढ़ाई है जब पार्टी को हालिया विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा।