भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के चर्चित दुष्कर्म मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने एक स्थानीय अखबार के मालिक प्यारे मियां (68) को कोर्ट ने उसे अलग-अलग मामलों में 4 बार उम्रकैद की सजा सुनाई है। और उसके साथी मोहम्मद उवैस (22) को मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) कविता वर्मा ने प्यारे मियां के अलावा, पीड़िता के यौन शोषण में दोषियों का सहयोग करने और गर्भपात कराने के लिए स्वीटी विश्वकर्मा (21) को 20 साल की जेल और डॉ. हेमंत मित्तल (45) को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने प्यारे मियां पर 5.59 लाख रुपये का जुर्माना और तीन अन्य दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
कोहेफिजा थाने में दर्ज हुई थी शिकायत
कोहेफिजा थाने में जुलाई 2020 में 376 और गर्भपात मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसकी सुनवाई सोमवार को जिला अदालत की अपर सत्र न्यायाधीश कविता वर्मा की कोर्ट में हुई। मामले में प्यारे मियां समेत चार लोगों को सजा सुनाई गई। जबलपुर की जेल में बंद प्यारे को यह फैसला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाया गया। कोर्ट ने प्यारे मियां को दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी, गर्भपात कराने समेत अन्य धाराओं में दोषी ठहराया। कोर्ट ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
सीएम शिवराज भी बनाए रहे नजर
बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार इस मामले में अपडेट लेते रहे। हर सुनवाई से पहले वे अपडेट लेते थे। प्यारे के साथ ही उसके मैनेजर, एक डॉक्टर और उसकी सहयोगी लड़की को भी दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।
पब्लिक प्रॉसिक्यूटर पीएन सिंह राजपूत ने बताया कि प्यारे मियां पर दो साल पहले कोहेफिजा इलाके में नाबालिगों से दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में FIR दर्ज की गई थी। इस मामले में 6 नाबालिग फरियादी थीं। इसी मामले में आज आखिरी फैसला लिया गया। प्यारे मियां के खिलाफ अभी भोपाल के तीन और थानों के अलावा इंदौर में भी अन्य केस हैं। उनमें सजा सुनाई जाना शेष है।
एक बच्ची की हो चुकी है मौत
इस मामले में शिकार बनी एक नाबालिग पीड़िता की मौत भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 18 जनवरी को हो गई थी। पीड़िता बालिका गृह में रह रही थी, जहां उसने नींद की गोलियां खा ली थीं। जिसके बाद उसे अस्पतला ले जाया गया लेकिनइलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था।