Dead Person Jewellery : शास्त्रों में वर्णित है जब किसी मनुष्य की मृत्यू होती है तो उससे जुड़ी हर वस्तु को दान या फिर नष्ट कर देना चाहिए। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण और महंगी चीजे ऐसी भी होती है जिन्हें दान या नष्ट करने में मनुष्य संकोच करता है। हम बात कर रहे है गहनों की। यदि वो व्यक्ति स्त्री हो तो आप भी अंदाजा लगा सकते है कि उसके पास मौजूद आभूषणों की संख्या बहुत ज्यादा होगी। ऐसे में उनके गहनों के साथ क्या किया जाए। क्या उन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है। और अगर ऐसा किया तो उसका परिणाम क्या हो सकता है? आइए बताते है…
जब किसी मनुष्य की मृत्यु होती है तो वह इस दुनिया में एक रूप से निष्क्रिय हो जाता है और उसकी आत्मा भी भौतिक शरीर को त्याग कर दूसरी दुनिया में चली जाती है। इसलिए उस व्यक्ति से जुड़ी चीजे अपनी ऊर्जा को खो देती है। दूसरे शब्दों में कहे तो मृतक की ही तरह उससे जुड़ी चीजे भी अपना जीवन खो देती है। ऐसे में ऐसी वस्तुओं को उपयोग में लाने से आपकी सकारात्मक ऊर्जा भी नकारात्मक ऊर्जा में बदल सकती है। धर्म शस्त्र में विश्वास रखने वाले लोग मृतक से संबंधित लगभग हर निशानी को मिटाने के लिए तैयार तो हो जाते है परंतु फिर भी उनकी स्मृति के तौर पर कुछ न कुछ चीजे अपने पास रख लेते है लेकिन वो नही जानते उनक द्वारा उठाया गया कदम उन्हें मानसिक रूप से कमजोर करता है। इसलिए सही होगा की मृतक की वस्तुओं का नष्ट कर दे या फिर दान कर दे।
लेकिन मृतक से जुड़ी वो चीजे सोने या चांदी के गहने दान और नष्ट दोनों ही नहीं किया जा सकता ऐसी स्थिति में एक सुझाव गरूणपुराण में बताया गया है। जिसके अनुसार भले ही वो मृतक आपका पिता हो, भाई हो, बहन हो या फिर माता किन्तु यदि वो गहने मृत्यू के समय मृतक के शरीर पर मौजूद नहीं हो तो ऐसी स्थिति में उन्हें परिवार या करीबी रिश्तेदारों में बांटा जा सकता है। साथ ही यदि किसी व्यक्ति की मौत अनुमानित या ज्यादा दर्दनाक न रही हों तो ऐसे व्यक्ति के पास से निकले हुए गहने जैसे पायल, चैन, अंगूठी को परिवार के किसी भी सदस्य को दिया जा सकता है। और अगर आप ऐसी वस्तुओं को अपने निजी उपयोग में लाने की सोचते है तो आप सुनार के पास जाकर उस पुराने गहने के बदले कोई नई चीज ले सकते है।
लेकिन यदि वो आभूषण किसी स्त्री का मंगलसूत्र जैसी चीजे जिसे मृतक ने अपने पूरे जीवन में बहुत संभालकर रखा और कभी भी अपने से दूर नहीं किया हो तो उसे नष्ट करने में ही आपकी भलाई है। इसके अलावा एक उपाय ये भी सामने आता है। की मृतक के आभूषणों को पवित्र पानी में रातभर रखने के बाद उसे उपयोग में लाया जा सकता हैं। साथ ही मृतक की मन पसंद रही चीजों और अक्सर इस्तेमाल करी चीजों का उपयोग ना करें क्योंकि माना जाता है। की वो वस्तुएं लंबे समय तक उनकी निजी ऊर्जा को संग्राहित करती रहती है। लेकिन हां इसके बावजूद इनका इस्तेमाल करना ही पड़े तो इसकी भी एक तरकीब गरूणपुराण में दी गई है। जिसमें बताया गया है। की मृत्यू के चालीस दिनों बाद वो वस्तु मृतक की ऊर्जा से सुरक्षित हो जाती है।
आपको यह भी बता दें कि अगर आप मृतकों के गहनों को बेंचकर धन एकत्रित करना चाहते है तो आप उस धन को अपने लिए कभी इस्तेमाल नहीं करें। क्योंकि वो धन गलत जाना तय है। इसलिए अगर आप ऐसा करते भी है तो प्रयास करें। उसे किसी अच्छे कार्य में इस्तेमाल करें। यदि आपको किसी मृतक के आभूषण उपहार में मिले है तो ऐसी स्थिति में ये जरूर जान ले की वो मृतक कोई जादूई अनुष्ठानों में शामिल न हुआ हो। क्योंकि ऐसा करना आपके जीवन को खतरे में डाल सकता है।